जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने छठवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप सेवानिवृत्ति लाभ न दिये जाने को चुनौती देने वाले मामले को गंभीरता से लिया। एकलपीठ ने मामले में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये।यह मामला याचिकाकर्ता जेएनकेवि के पूर्व डीन डॉ. सीबी सिंह की ओर से दायर किया गया है।
जिसमें कहा गया कि उन्हें संचालक विस्तार सेवाएं के पद से वर्ष 2006 में सेवानिवृत होने के बाद से आज तक छठवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप सेवनिवृत्ति लाभ नहीं दिया गया है। याचिकाकर्ता पूर्व में पादप प्रजनन और आनुवंशिकी विभाग के प्राध्यापक रहते हुए, डीनए कृषि महाविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके थे। उन्हें जनवरी 2007 से अगस्त 2023 तक के वित्तीय लाभों से पक्षपातपूर्ण व मनमाने तरीकों से वंचित रखा गया।
याचिकाकर्ता ने पूर्व में विश्ववियालय विभिन्न के उच्च अधिकारीयों को इस बारे में अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिस पर यह मामला दायर किया गया है। जिसमें प्रमुख सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, मंत्रालय, कुलपति, कुलसचिव, लेखा नियंत्रक, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय को पक्षकार बनाकर गया है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने विवि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय राघव सिंह, पूनम सिंह, अजय नंदा व मनोज चतुर्वेदी ने पक्ष रखा।
