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रीवा। यह पहला साल नहीं हैं जब जिले में खाद की किल्लत हो रही है. रबी सीजन हो या खरीफ सीजन हर बार, हर साल किसान खाद के लिए मारामारी करता है, लंबी लाइन लगाता है, डंडे खाता है कई दिन इंतजार करता है और नतीजा ये रहता है कि किसान को यदि खाद मिल भी जाती है तो उसे जितनी चाहिए उतनी नहीं मजबूरन किसान दोगुने दामों में बाजार से खाद खरीदता है. इधर खाद व्यापारी भी कालाबाजारी करने से नहीं चूकते.
गुढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित केंद्र गुढ़ में सुबह से ही क्षेत्र के किसानों की लंबी लाइन लगी हुई है किसान खाद के लिए परेशान हैं किसी समय धान में खाद की जरूरत है लेकिन खाद के लिए बड़ी मारामारी है किसान पूरा कार्य छोडक़र चाहे बारिश हो चाहे धूप हो खाद के लिए लाइन में लगे हुए हैं लाइन में लगने के बावजूद भी पर्याप्त मात्रा में किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. किसान खेतों में पूंजी लगाकर भटकते हुए नजर आ रहे हैं शासन प्रशासन से यही मांग करते हुए नजर आ रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा स्टॉक सोसाइटी में भेजा जाए ताकि हम लोगों को खाद की समस्या ना हो इसी मां खेतों में खाद की अधिक से अधिक जरूरत है खाद व्यापारी भी अपने दुकानों में दो गुना रैटो में नकली खाद की भी बिक्री कर रहे हैं।इस तरह किसानों के साथ अत्याचार ना किया जाए कि किसान आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाएं जो कि ऐसा भी नहीं है कि शासन प्रशासन को नहीं पता है हर साल इसी समय खाद की ज्यादा जरूरत होती है तो उनको पहले से ही व्यवस्था बना लेनी चाहिए ताकि देश के अन्नदाताओं को किसी भी प्रकार की समस्या पैदा ना हो.
