अविनाश दीक्षित
महाकौशल के केन्द्र बिंदु जबलपुर सहित समीपी जिलों में नगर -ग्रामीण अध्यक्षों की नियुक्तियां हो गईं हैं। नई नियुक्तियों के साथ ही जिलों के भाजपाई सियासत के समीकरण भी बदल गये हैं और नये अध्यक्षों के इर्द-गिर्द वह चेहरे अचानक नजर आने लगे हैं जो अर्से से न केवल पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाये रखते थे, बल्कि नये अध्यक्षों से वर्षों से ना तो मिले और ना ही औपचारिक संपर्क रखा। ऐसे नेताओं की अचानक सक्रियता बढ़ गई है और वह नये अध्यक्षों के दरबार में पहुंचने लगे हैं। यद्यपि राजनीति में यह स्वाभाविक प्रक्रिया माना जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो नई नियुक्तियों के साथ नया रंग और नया रूख अख्तियार कर लेते हैं और स्वयं को नये पदों पर विराजित नेता का सबसे करीबी और विश्वसनीय साबित करने का जतन करने लगते हैं।
ऐसी कोशिशें क्यों होती हैं, यह सर्वविदित है। फिलहाल जबलपुर के दोनों अध्यक्ष रत्नेश सोनकर और राजकुमार पटेल वरिष्ठों से मिलने और संतों का आशीर्वाद लेने में व्यस्त हैं दूसरी ओर नगर और ग्रामीण कार्यकारिणी में जगह बनाने की हसरत रखने वाले नेता भी सक्रिय हैं। यद्यपि कार्यकारिणी गठन में अभी लम्बा वक्त लगेगा। अभी तो संगठन महापर्व के तहत अनेक नियुक्तियां होना शेष है। प्रदेश अध्यक्ष सहित पार्टी के विभिन्न मोर्चों में नियुक्तियां होना है, उसके बाद ही नगर और ग्रामीण भाजपा की कार्यकारिणी का नंबर आएगा। फिलहाल भाजपाई गलियारों में प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे पर ज्यादा चर्चा हो रही है, सभी अपने-अपने कयास लगा रहें हैं, किसके कयास सही साबित होंगे, इसका पता तो भविष्य में ही चल सकेगा।
अधिकारियों ने मंत्री जी की बात भी कर दी अनसुनी
मनमाने बिजली बिल की वसूली करने के आरोपों से घिरी म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी ना केवल मनमर्जी से काम कर रहे हैं बल्कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आदेश-निर्देश को भी अनसुना कर रहे हैं। मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने बीते दिनों एक बैठक में कहा था कि उपभोक्ताओं को एवरेज बिल न दिये जाएं। जहां मीटर खराब या बंद हैं, उन्हें शीघ्र बदला जाए। मगर ऊर्जा मंत्री की इस बात को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों ने कोई तवज्जों नहीं दी। एवरेज बिलिंग पर ना लगाम लगी है और ना ही बंद और खराब मीटरों को बदलने पर ध्यान दिया जा रहा है। दूसरी तरफ एवरेज बिलिंग, बंद-खराब मीटरों की शिकायतें लेकर उपभोक्ता बिजली दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। बिजली मामलों के जानकार राजेन्द्र अग्रवाल के मुताबिक 20 से 22 फीसदी मीटर बंद या खराब हैं। इससे संबंधित आंकड़ों कि जानकारी विद्युत वितरण कंपनियों से मांगी गई थी, लेकिन पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों ने पब्लिक डोमेन में जानकारी शेयर ना करने की बात कहते हुए कहा कि संबंधित जानकारी विद्युत नियामक आयोग को दे दी गई है। सहज समझा जा सकता है कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी किस मंशा के साथ काम कर रहे हैं।