जुकाम: लक्षण, पहचान, और रोकथाम

 

 

 

बार बार जुकाम होना-कारण और निवारण

जुकाम होने की परेशानी, हर किसी को कभी ना कभी  होती है। नाक बहना, बंद हो जाना, छींकें आना, अच्छे  खासे इंसान को तकलीफ देता है। ऊपर से सिर दर्द, हाथ पैर मैं दर्द, कभी बुखार,  परेशानी बढ़ाते  हैं। कुछ  लोगों को बार बार जुकाम होता है, जिससे उन्हे यह तकलीफ, बार बार झेलनी पड़ती है। आधिक बार जुकाम होने से, मस्तिष्क के अंदर स्थित सिनउसेस (sinuses) भी सूज जाते हैं, जिससे सुबह उठने पर और सिर झुकाने पर सिर दर्द होता है।

बार बार जुकाम होने का मुख्य कारण है, ऐलर्जी । ऐलर्जी मतलब, शरीर  की रोग प्रतिरोधक अंटीबॉडीस, बाह्य किसी तत्त्व से प्रतिक्रिया करती हैं। यह शरीर की तासीर जैसा है,जो  जुकाम, खांसी, दमे की समस्या, त्वचा पर चकते, इन मैं से एक या अधिक समस्या के रूप मैं प्रकट होती है।  इसे अलर्जिक रहिनीतिस (rhinitis) कहते हैं। । ऐलर्जी आनुवंशिक  होती है, यानि पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार मैं  हो सकती है।

ऐलर्जी मुख्यतः , धुआँ, धूल  फंगगल बीजाणु , परागकन, शरीर पर लगाने वाले किसीसौन्दर्य प्रसाधन, इत्यादि  से होती है। फरवरी, मार्च , जैसे बदलते मौसम में परागकन भरपूर होते हैं और यह समस्या भी अधिक   होती है। इसके अलावा, भोज्य पदार्थों में मुख्यतः प्रोटीन युक्त खाने की चीजों से, जैसे मूँगफली, अंडे, आदि से ऐलर्जी की संभावना रहती है। खाद्य पधारतों में प्रयुक्त होने वाले रसायन, जो की भंडारण, प्रोसेसिंग , स्वाद, आदि के लिए प्रयुक्त होते हैं, वे   भी ऐलर्जी कर सकते  हैं ।

अलर्जिक जुकाम का शक , विस्तार से मरीज के लक्षण पूछ कर, किया जाता है। निदान के लिए, सरल रक्त की जांच होती है, जिसमे एओसिनोफिलस (eosinophils-एक तरह के श्वेत  रक्त कण  जो ऐलर्जी के कारण बढ़ते हैं) अधिक मात्रा (>6%), मैं  पाए जाते हैं। किस चीज से ऐलर्जी है, यह जानने के लिए ऐलर्जी टेस्टस का सहारा लिया जाता है। इस टेस्ट मैं त्वचा के अंदर , विभिन्न ऐलर्जी करने वाले संभावित पदार्थों का इन्जेक्शन दिया जाता है, 24 से 48 घंटे बाद त्वचा पर उनकी  प्रतिक्रिया का आकलन  किया जाता है। पर यह टेस्ट तभी संभव होता है, जब व्यक्ति को 24 से 48 घंटे पहले कोई ऐलर्जी का लक्षण ना हो, तथा दवाई की आवश्यकता ना हो। व्यक्ति स्वयं ही अंदाज़  लगा  सकता है, की कब, कहाँ, किस परिस्थिति मैं, क्या खाने, क्या बदन पर   लगाने से जुकाम हो जाता है।

ऐलर्जी से होने वाले जुकाम से बचने के लिए, धूल, धुएं, आदि  की परिस्थिति मैं नाक पर मास्क लगाना उपयोगी है। इससे ऐलर्जी करने वाले पदार्थ, नाक के जरिए शरीर के भीतर जा नहीं पाएंगे। जिस किसी  चीज को खाने से, या बदन पर उपयोग करने से, हर बार जुकाम होता है, उससे परहेज करना ही बेहतर  है। हल्दी, अदरक, लहसुन, टमाटर, सेव फल, संतरे, नीबू जैसे सिट्रस(citrus) फल, आदि  ऐलर्जी से बचाव करते हैं, और समस्या को थोड़ा कम करते हैं ।

 

एंटी ऐलर्जी दवाएं ऐलर्जी से होने वाले जुकाम मैं मदद करती हैं। यह दवाइयाँ टैबलेट तथा सिरप के रूप मैं उपलब्ध हैं। ज्यादा  समस्या होने पर स्टेरॉइड का उपयोग होता है । स्टेरोइड इन्हैलर के रूप मैं भी उपलब्ध है।इससे जुकाम की शुरुआत मैं ही 2 बार सूंघने से, असर बहुत जल्दी होता है और साइड एफफएकट्स भी कम होते हैं।

बारम्बार जुकाम होने का एक कारण और है, नाक के अंदर की हड्डी थोड़ा टेढ़ी होना, जिसे देवीअटेड नेसल  सेप्टम कहते हैं । यह आसानी से क्लीनिकल इग्ज़ैमनैशन मैं दिख जाती है, और छोटी सी शल्य क्रिया से इसका इलाज हो जाता है।

जो भी कारण हो, नियमित प्राणायाम करना बार बार जुकामहोने  मैं  लाभदायक होता है। प्रतिदिन गरम पानी की भाप गहरी  सांस के साथ  अंदर करना और छोड़ना , उपयोगी है,नियमित तैरना भी अच्छा  व्यायाम है।

 

डॉ. रचना पांडे

फिज़िशन (M.D. General medicine)

 

 

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