योग सबके लिए क्यों जरूरी है??
आजकल के वातावरण और समाज को देखते हुए यह समझना जरूरी है कि ऐसा क्या करना होगा जिससे हमें अपने सामाजिक, धार्मिक,गृहस्त वातावरण को बेहतर बनाया जा सकें और अपने मन को शांत रखें जिससे आपकी मानसिक स्थिति ठीक रहे और आपकी सोचने समझने की क्षमता में सुधार हो
तो इसके लिए योग से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता योग हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनो स्तरो पर काम करता है योग से हमारे शरीर के साथ साथ हमारी मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है
प्राणायाम के द्वारा हम अपनी श्वास पर नियंत्रण रख कर अपने शरीर को हल्का कर सकते हैं जिससे हमारे शरीर के साथ साथ हमारा मन भी हल्का होगा प्राणायाम से बहुत सारी बीमारियों का उपचार कर सकते है और आसन के माध्यम से हमारे शरीर में दृढ़ता आती हैं दृढ़ता का अर्थ “शक्ति” नहीं बल्कि “ मानसिक बल “है
प्रश्न- अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे किया जाता है?
उत्तर-सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठें और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। फिर, दाहिने ( सीधे, right)हाथ के अंगूठे से अपनी दाहिनी (सीधी, right nostril)नासिका को बंद करें और बाईं (उल्टी, left)नासिका से सांस लें। इसके बाद, बाईं (उल्टी, left)नासिका को बंद करके दाहिनी नासिका से सांस छोड़ें। फिर, दाहिनी नासिका से सांस लें और बाईं नासिका से छोड़ें। यह एक चक्र पूरा होता है। इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं।
हस्त मुद्रा
बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा (अंगूठे और तर्जनी उंगली को मिलाकर) बनाएं और इसे बाएं घुटने पर रखें। दाहिने हाथ से नासाग्र मुद्रा बनाएं (अंगूठे और अनामिका उंगली को मिलाकर)।
दाहिने हाथ के अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से धीरे-धीरे सांस लें। सांस भरते हुए पहले पेट और फिर छाती को फुलाएं।
बाईं नासिका को अनामिका उंगली से बंद करें और दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटाकर सांस छोड़ें
सांस छोड़ते हुए पहले छाती से और फिर पेट से सांस बाहर निकालें।
अब दाहिनी नासिका से सांस लें और बाईं नासिका से छोड़ें।
ध्यान रखने योग्य बातें
सांस भरते और छोड़ते समय पेट और छाती का सही क्रम बनाए रखें।
सांस लेने और छोड़ने की गति सामान्य रखें, बहुत तेज या बहुत धीमी न करें।
शुरुआत में 2-2 सेकंड का समय सांस लेने और छोड़ने में लगाएं, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम को खाली पेट करना चाहिए।
सुबह या शाम को 10 मिनट तक इसका अभ्यास नियमित रूप से कर सकते हैं
संस्थापक रुद्रांश योग केंद्र
महिला पतंजलि जिला प्रभारी
योगाचार्य रेखा बत्रा