इंदौर:हाथीपाला पुलिया पूर्व में इतनी सकरी थी कि दिन में कई मरतबा जाम लगता था, जिससे आम आदमी तो परेशान होता ही था. साथ में इससे व्यापार में भी बुरा असर पड़ता था. यहां तक की लोग इस रास्ते से निकलने में सोचते थे. लोगों की सुविधा के लिए लाखों रूपए खर्च कर नई पुलिया का निर्माण किया गया जिसकी चौड़ाई ज़्यादा रखी गई. ताकि लोगों को यातायात में असुविधा न उठानी पड़े.
लेकिन पुलिया के निर्माण होने के बाद यहां का नज़ारा ही कुछ उल्टा दिखाई देता है. जो पुलिया वाहनों के आवागमन के लिए बनाई गई वही व्यापारियों और लोडिंग चालकों ने इस पुलियां के दोनों तरफ अपने वाहनों का अवैध पार्किंग बना लिया है. जिस तरह पटेल ब्रिज पर अवैध तरीके से खड़े वाहनों पर आज तक दोनों ही विभाग कार्रवाई नहीं कर पाए हैं, जिसका कारण आज तक नहीं बताया गया. अब विभागों ने हाथी पाला पुलिया को अवैध पर्किंग की भेंट चढ़ा दिया है.
इनका कहना है
कभी-कभी यातायात का भार बढ़ने पर लोगों की फिर से मुसीबतें बढ़ने लगती हैं. यूं तो नगर निगम और यातायात विभाग चालानी कार्रवाई करते घूमते हैं तो इस पुलिया पर अवैध पार्किंग उन्हें दिखाई क्यों नहीं देती.
आनंद रावत
क्या इसीलिए जनता का पैसा बर्बाद कर कब्जाधारियों के लिए पुलिया का निर्माण किया गया है. जो चीज जिस कार्य के उपयोग के लिए बनाई गई है प्रशासन उसका दुरूपयोग न करने दें.
पं. शिव आचार्य
पार्किंग को लेकर शहर के नागरिकों में जागरूकता कम ही देखने को मिली है. मनमानी करते हैं फिर कहते हैं शहर में व्यवस्था ठीक नहीं है. अगर खुद हर वाहन मालिक को खुद सोचना चाहिए.
आसिफ खान
