परिवार को साथ जोड़ कर रखिए

अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस

परिवार को साथ जोड़ कर रखिए

संस्कार और मूल्यों की पहली शिक्षा परिवार से ही मिलती है।

संबंध कच्चे धागे की तरह होते हैं और मजबूत रस्सी की तरह भी। हम सभी अपने जीवन में चार तरह के संबंध निभाते हैं: स्वयं के साथ, अन्य लोगों के साथ, प्रकृति के साथ और परमात्मा के साथ।परिवार साधारणतया पति, पत्नी और बच्चों के समूह को कहते हैं, किंतु दुनिया के अधिकांश भागों में वह सम्मिलित वास वाले रक्त संबंधियों का समूह माना जाता है, जिसमें विवाह और दत्तक प्रथा द्वारा स्वीकृत व्यक्ति भी सम्मिलित हैं। सभी समाजों में बच्चों का जन्म और पालन पोषण परिवार में होता है। बच्चों का संस्कार करने और समाज के आचार व्यवहार में उन्हें दीक्षित करने का काम मुख्य रूप से परिवार में ही होता है। इसके द्वारा समाज की सांस्कृतिक विरासत एक से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होती है। व्यक्ति की सामाजिक मर्यादा बहुत कुछ परिवार से ही निर्धारित होती है।

परिवार श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान

धर्मशास्त्र कहते हैं कि जो घर संयुक्त परिवार का पोषक नहीं है, उसकी शांति और समृद्धि सिर्फ एक भ्रम है. आज के बदलते सामाजिक परिवेश में संयुक्त परिवार तेजी से टूट रहे हैं और उनकी जगह एकल परिवार आकार लेते जा रहे हैं. वर्तमान जीवनशैली और प्रतिस्पर्धा के दौर में तनाव के साथ अन्य मानसिक समस्याओं से निपटने में अपनों का साथ अहम भूमिका निभा सकता है, यह बात स्वयं सिद्ध की जा चुकी है. और बात जब अपनों की आती है तो फिर परिवार और संयुक्त परिवार ही वह स्तम्भ नजऱ आते हैं, जहाँ अपनों का निर्माण होता है. यूं तो दुनिया में आपको तमाम दोस्त मित्र मिलते हैं, किन्तु जिनके साथ आप अपने जीवन का लंबा हिस्सा व्यतीत करते हैं, वह आखिर आपका परिवार ही तो होता है. खासकर, संयुक्त परिवारों में काफी लोगों की मौजूदगी आपको सामाजिक बनाती है तो मुसीबत के समय एक दुसरे के लिए सहारे का काम भी करती है

 

हमें मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए
सच कहा जाए तो, घर का कोई भी सदस्य किसी दूसरे सदस्य से न तो अमीर होता है और न गरीब. खून के रिश्ते में हमें ‘मर्यादा’ का ख्याल रखना चाहिए तो एक दूसरे की जरूरत पडऩे पर मदद भी करनी चाहिए. यदि यह सारी बातें हमें समझ आ जाएँ तो संयुक्त परिवार धरती का स्वर्ग बन जाता है. संयुक्त परिवार में जिम्मेवारियों का निर्वहन एक और कारक है, जिससे हमारे परिवार को मजबूती अथवा कमजोरी मिलती है. अत: माता-पिता, भाई-बहन, बेटी-बेटा और पत्नी के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझ जाना उतना ही आवश्यक है. आधुनिक समय में वर्ष में एक या दो बार मनोरंजन या पर्यटन के लिए सभी मिलकर बाहर जा सकते हैं, जिससे एक दूसरे के साथ तालमेल करने में सहूलियत हो सकती है.

संयुक्त परिवार की रक्षा
इसके लिए संयुक्त परिवार की रक्षा करनी होती है और वह होती है सम्मान, संयम और सहयोग से. सच कहा जाए तो, संयुक्त परिवार से संयुक्त उर्जा का जन्म होता है और संयुक्त उर्जा दुखों को खत्म करती है, ग्रंथियों को खोलती है. हालाँकि, अगर परिवार को सींचने में आपके सद्कर्म और सही ढंग से अर्जित किये गए संशाधन शामिल नहीं होते हैं तो इसके विपरीत कलह से कुल का नाश भी होता है. वस्तुत: संयुक्त हिंदू परिवार का आधार है: कुल, कुल की परंपरा, कुल देवता, कुल देवी, कुल धर्म और कुल स्थान. इन्हीं के आधार पर संयुक्त परिवार के लोग एक स्थान पर एकत्रित होकर समस्याओं का हल ढूंढते थे और कारवाँ आगे बढ़ता चला जाता था.

एक-दूसरे का बराबर सहयोग
सबसे महत्वपूर्ण घर की अर्थव्यवस्?था में सभी एक-दूसरे का बराबर सहयोग किया जाना आवश्यक है, खासकर वर्तमान में! यदि अर्थव्यवस्था ठीक तरह से प्रबंधित हो गयी, तो पारिवारिक टूटन का एक बड़ा कारण स्वत: ही दूर हो जाता है. अर्थव्यवस्था में व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए हमें अपने पैसे बचाने और दूसरे सदस्य के पैसे खर्च कराने की सोच से दूर रहना चाहिए.

रिश्तेदारों से लेन-देन से बचना
नजदीकी रिश्तेदारों से लेन-देन से यथासंभव बचना चाहिए, क्योंकि इससे रिश्तों में खटास उत्पन्न हो जाती है, जो बाद में आपके पूरे संयुक्त परिवार पर असर डालती है. व्यवहारिक रूप से परिवार के पुरुष सदस्यों को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए, क्योंकि वही संस्कार बच्चों में प्रत्यारोपित होते हैं. यह सब छोटी बातें हैं, जिनसे संयुक्त परिवार हमारे लिए धरती पर ही स्वर्ग के समान हो सकता है, बशर्ते उपरोक्त बातों को हम सही अर्थों में लेने का प्रयत्न करें तो!

घर के मुखिया सोचे सबका हित

घर का मुखिया को न्यायप्रिय, निष्पक्ष, और सभी के साथ समान व्यवहार करने वाला होना चाहिए। उन्हें परिवार के सदस्यों के हित में सोच-समझकर निर्णय लेने और उन्हें दृढ़ता से लागू करने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही, उन्हें पैसे का सही उपयोग करने और बचत करने के लिए जागरूक भी होना चाहिए।घर के मुखिया को सभी परिवार सदस्यों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और किसी के साथ पक्षपात नहीं करना चाहिए. हर स्थिति में सही निर्णय लेना चाहिए, जो परिवार के हित में हों.

कोशिश करें फिर एक होने की
परिवार ही हमें मजबूती और सहारा देता है। ख़ुद को अपनों से जोडऩे के साथ-साथ बच्चों को भी रिश्तेदारों से रिश्ता निभाने के लिए प्रेरित करें।

मिलते-जुलते रहें…

साल में कम से कम एक बार पूरा परिवार मिलने की योजना बना सकता है। इसमें दादा-दादी और नाना-नानी के साथ-साथ चाचा-चाची, मामा-मामी, बुआ-फूफा, मौसा-मासी और उनका परिवार, सब होने चाहिए।

घूमने जाएं…

छुट्टियों में घूमने जा सकते हैं। जगह का चुनाव ऐसा होना चाहिए जिसका ख़र्च सबके बजट में रहे और सबकी रज्जामंदी हो। इस योजना की जिम्मेदारी घर के बड़े बच्चों को दी जा सकती है जिससे वे एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे।

अगर-मगर की जगह नहीं…

इसे नियम की तरह लागूकरें। हर परिवार को नियत कार्यक्रम में आना ही होगा। जब भाई-बहन अक्सर मिलते रहते हैं, तो एक-दूसरे को ही नहीं, परिवार के मूल्यों को भी समझते हैं। उनमें स्वीकार्यता का भाव आता है। ‘मेरे लिए भाई है, बहन है’ इसका अहसास सुरक्षा देता है। भावनात्मक आधार मजबूत हो, तो हालात का कोई भी तूफान परिवार का कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

कुछ शर्तें भी हैं…
1 जब बच्चे लंबे वक़्त के बाद परिवार से मिल रहे हों तो बड़े उनकी पढ़ाई या नौकरी को लेकर सवाल ना करें। रंग-रूप पर भी मजाक ना करें।

2 बड़े पहले ही नियम तय कर दें कि बच्चे जब आपस में मिलेंगे तो मोबाइल या लैपटॉप दूर रखेंगे।

3 झगड़ों में बड़े नहीं उलझेंगे और ना इनसे मनमुटाव होने देंगे। अपने बच्चों का पक्ष लेने के बजाय उन्हें एक-दूसरे से सुलह करने के लिए कहें।

4.परिवार में हर सदस्य की अपनी कमजोरियां होती हैं। एक-दूसरे की कमजोरियों को नजरअंदाज करना और उनकी अच्छी बातों पर ध्यान देना चाहिए।

5 परिवार में हर सदस्य को सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।

 

मिथलेश कुमार सिंह
लेखक

Next Post

यूक्रेन हमले में छह रूस के नागरिकों की मौत

Tue May 13 , 2025
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email माॅस्को, 13 मई (वार्ता) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से घोषित तीन दिवसीय विजय दिवस युद्धविराम के दौरान यूक्रेनी हमलों में कुल 23 नागरिक घायल हुए जिनमें छह की मौत हो गई है। रूस के […]

You May Like