
सतना।प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले पांचवे जिले सतना की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी हवाई सेवा के नाम पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का रवैया जस का तस है. बैठक में उपस्थित रहने की सूचना के बाद सांसद की अनुपस्थिति में हुई बैठक महज 15 मिनट में इस आश्वासन के साथ समाप्त हो गई कि जब मास्टर प्लान बन जाएगा तब प्रशासन भी अपने दायित्व का निर्वाह कर देगा.
गौरतलब है कि शुक्रवार को इस आशय की सूचना जारी की गई थी कि सोमवार को सांसद गणेश सिंह की मौजूदगी में हवाई अड्डे के रनवे को लेकर उच्चस्तरीय बैठक होगी.इस संयुक्त बैठक में विमानपत्तन विभाग के अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहेंगे.संयोग था कि बैठक अपने निर्धारित समय पर हुई लेकिन सांसद सिंह ही अनुपस्थिति रहे. बैठक की शुरुआत में ही सांसद के दिल्ली चले जाने का जिक्र करते हुए कलेक्टर डॉ सतीश एस ने कहा कि उनकी इच्छा थी कि बैठक की तारीख बढ़ा दी जाए लेकिन इस मसले पर मेरी जानकारी कम होने के कारण बैठक का आयोजन इस उद्देश्य से किया गया कि मामले के सारे पक्ष से परिचित हो जाऊँगा.बैठक की शुरुआत में ही अड्डे के स्वामित्व का जिक्र कर पूरी बैठक की दिशा ही बदल दी गई.बताया गया कि यह जमीन नभ विभाग के नाम थी अब उसे विमानपत्तन विभाग के नाम कर दिया गया है. जो भारत सरकार का उपक्रम है. इन स्थितियो में हवाई अड्डे के विस्तार में प्रशासन सहयोगी भूमिका अदा कर सकता है. इसका प्लान अब अथॉरटी को ही बनाना पड़ेगा. बैठक में मौजूद एटीसी अधिकारी रजनी खातरकर ने एयरपोर्ट विस्तारीकरण की चिन्हित बाधाओं की जानकारी बताया कि इनमें एचटी लाइन, एलटी लाइन, स्कूल एवं हास्टल बिल्डिंग, आवासीय भवनों और वृ़क्षों को चिन्हित किया गया है। एसडीएम राहुल सिलाडिया ने बताया कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण की बाधाओं को गूगल मैप पर चिन्हित कर लिया गया है। कलेक्टर ने कहा कि सतना एयरपोर्ट विस्तारीकरण का मास्टर प्लान तैयार होने के बाद संबंधित विभागों से अपेक्षाओं के अनुरूप कार्यवाही संपादित की जायेगी।
महज 15 मिनट में पूरी हुई बैठक में सतना एयरपोर्ट की लम्बाई 1200 मीटर से 1800 मीटर करने और एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने का जिम्मा अथॉरटी को सौप दिया गया .
