दुष्कर्म के मामले में जज के फैसले से देश शर्मसार

नयी दिल्ली 26 मार्च (वार्ता) लोकसभा में आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की कोशिश के मामले में दिये गये फैसले का मुद्दा उठाया गया और कहा गया कि न्यायाधीश के वक्तव्य से देशवासियों की भावनाएं आहत हुईं है और महिलाएं शर्मसार हुईं हैं।

लोकसभा में शून्यकाल में लोक महत्व के मुद्दों के तहत भारतीय जनता पार्टी के मुकेश राजपूत ने कहा कि जब से देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी है तब से महिलाओं के सशक्तीकरण के अनेक फैसले लिये गये हैं। लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के वक्तव्य से मन व्यथित हो गया है।

श्री राजपूत ने कहा कि पता नहीं किसी निजी स्वार्थ के वश या किसी अन्य कारण से उन्होंने कहा है कि किसी महिला के निजी अंग को पकड़ना, कपड़ा फाड़ने या पजामे के नाड़ा खींचने के प्रयास को बलात्कार के प्रयास नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह घटना कासगंज की एक 11 साल की बच्ची के साथ घटित हुई थी। न्यायाधीश के इस प्रकार से असंवेदनशील बयान से देश के 140 करोड़ लोगों की भावनाएं आहत हुईं हैं। देश की नारियां शर्मसार हुईं हैं।

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्रा ने अपने फैसले में कहा था कि पीड़ित के स्तन को पकड़ने और पाजामे के नाड़े को तोड़ने के आरोप के कारण ही आरोपी के खिलाफ बलात्कार की कोशिश का मामला नहीं बन जाता। फैसला देने वाले न्यायाधीश ने इस घटना के तथ्यों को रिकॉर्ड करने के बाद कहा कि इन आरोप के आधार यह महिला की गरिमा पर आघात का मामला तो बनता है लेकिन इसे बलात्कार का प्रयास नहीं कह सकते।

Next Post

परमाणु ऊर्जा नीति में सुरक्षा सर्वोपरि : जितेंद्र सिंह

Wed Mar 26 , 2025
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नयी दिल्ली 26 मार्च (वार्ता) सरकार ने लोकसभा में बुधवार को कहा कि भारत की परमाणु ऊर्जा नीति में सुरक्षा सर्वोपरि कारक है और मोदी सरकार ‘सुरक्षा प्रथम, परमाणु ऊर्जा उत्पादन बाद में’ के मूल मंत्र के […]

You May Like

मनोरंजन