उज्जैन: महाकाल की नगरी उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं. इसी कड़ी में उज्जैन के वरिष्ठ अधिकारियों का दल प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचा. रविवार को रवाना हुए दल ने सोमवार को प्रयागराज महाकुंभ के अनुभवों पर आधारित बैठक की. मंगलवार को यह दल पुनः उज्जैन लौट आया.
अधिकारियों में कलेक्टर रोशन सिंह, सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह, यूडीए सीईओ संदीप सोनी और नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा शामिल रहे. इन्होंने प्रयागराज कुंभ के दौरान किए गए भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, सुरक्षा, आवास व्यवस्था और सुविधा केंद्रों के संचालन का गहन अध्ययन किया.प्रयागराज में स्नान, पूजन, दर्शन और आवागमन को लेकर की गई व्यवस्थाओं पर करीब 60 करोड़ श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक सुविधा दी गई थी.
वहां तकनीकी प्रबंधन का भी बड़े पैमाने पर उपयोग हुआ, जिसमें खोया-पाया, आपदा प्रबंधन, संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी, हेड काउंटिंग, एआई और सीसीटीवी जैसे उपाय प्रमुख रहे. इन बिंदुओं की जानकारी विस्तार से उज्जैन अफसरों ने एकत्र की.अधिकारियों का कहना है कि प्रयागराज के अनुभवों का पूरा ब्यौरा तैयार कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सौंपा जाएगा. आगामी 27 अगस्त को मुख्यमंत्री उज्जैन में होने वाले स्पिरिचुअल कांक्लेव में शामिल होंगे, जहां सिंहस्थ 2028 के लिए प्रभावी क्राउड मैनेजमेंट रणनीति पर चर्चा होगी.
