24 घंटे चले रेस्क्यू में सभी मृतकों के शव निकाले
शिवपुरी के माताटीला डैम में डूबी थी नाव
नवभारत न्यूज
शिवपुरी। यहां के माताटीला डैम में नाव डूबने से लापता हुए सभी 7 लोगों की मौत हो गई है। 24 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में गोताखोरों ने एक लापता बच्ची समेत सभी 7 शव निकाल लिए है। रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म कर दिया गया है।
यह दर्दनाक हादसा बीती देर शाम हुआ था। रजावन गांव के 15 लोग नाव से डैम के बीच टापू पर स्थित सिद्ध बाबा मंदिर होली की फाग के लिए जा रहे थे। मंदिर तक पहुंचने से पहले ही नाव अचानक असंतुलित होकर पलट गई। नाव में सवार सभी लोग डूबने लगे। स्थानीय ग्रामीणों ने 8 लोगों को बचा लिया था। हादसे के करीब 14 घंटे बाद आज सुबह करीब 10 बजे शारदा पति इमरत लोधी (55) के रूप में पानी से पहला शव निकाला गया। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने एक-एक कर 6 और शव निकाले।
होते है।
क्षमता से अधिक सवारियां बिठाना हादसे की वजह
ग्रामीणों के मुताबिक हर बार मंदिर का पुजारी ही नाव चलाता है लेकिन उत्सव का दिन होने के कारण पुजारी मंदिर पर था। मंगलवार की शाम दो नाव किनारे पर खडी थी। एक नाव को 18 वर्ष का प्रदीप लोधी निवासी रजावन चला कर ले गया। ग्रामीणों ने बताया कि पुजारी 8 लोगो से अधिक सवारी इस नाव पर नहीं लेता है लेकिन प्रदीप लोधी ने 15 लोगो को इस नाव पर सवार कर लिया और यह नाव बीच गहरे पानी में पीछे की ओर से उठ कर पलटकर डूब गई।
किनारे पर खड़े लोगों ने 8 लोगों को बचाया
इस घटना में 2 साहसी लोग भी सामने आए हैं जिन्होंने बहादुरी दिखाई। ये हैं राजावन निवासी शीतल जाटव और प्राणसिंह। जैसे ही इन्होंने देखा कि मंदिर के पास आ रही नाव पानी में डूब रही है। तत्काल दूसरी नाव लेकर यह उसे दोनों उस क्षेत्र में पहुंचे और लोगों को बचाने में मदद की। इस घटना के दौरान आठ लोग सुरक्षित बाहर आ पाए लेकिन 7 लोग पानी में डूब गए। जिस प्रकार शीतल जाट और प्राण सिंह लोधी ने घटना के समय तत्परता दिखाई। उससे कई लोगों की जान बचाने में मदद मिली। सुरक्षित बाहर आए लोग इनका शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
14 साल के बच्चे ने भी दिखाई बहादुरी :
इस घटना में एक 14 साल के बच्चे ने भी साहसिक परिचय दिया है। यह बच्चा उस समय नाव में सवार था जब नाव डूबने लगी तब भी बच्चे का साहस कम न हुआ। उसने न केवल खुद की जान बचाई बल्कि अपनी ताई और अपनी मां की जान बचाने में भी वह कामयाब रहा। वे बच्चे की चतुराई से कुछ देर तक पानी में रहे, तब तक वहां दूसरी नाव पहुंची, जिसमें ग्रामीण प्राणसिंह लोधी और शीतल जाटव थे और उन्होंने मदद की। इस प्रकार आठ लोगों की जान बच गई।
हादसे में इनकी हुई मौत: शारदा पति इमरत लोधी (55), लीला पति रामनिवास लोधी (40), चाइना पिता लज्जाराम लोधी (14), कान्हा पिता कप्तान लोधी (07), रामदेवी पति भूरा लोधी (35), शिवा पिता भूरा लोधी (08), कुमकुम पिता अनूप लोधी (15)
इन 8 लोगों को बचाया गया : शिवराज पिता हरिराम लोधी (60), सावित्री पति अनूप लोधी (40), जानसन पिता अनूप लोधी (12),गुलाब पिता जगदीश लोधी (40), लीला पति सूरी सिंह लोधी (45), रामदेवी पति प्राण सिंह लोधी (50), उषा पति लाल सिंह लोधी (45), प्रदीप लोधी पिता कृपाल लोधी (18)