नई दिल्ली, 12 मार्च (वार्ता) देश में आवासीय रियल एस्टेट बाजार में बढ़ती मांग के बीच व्यक्तिगत आवास ऋण बकाया में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह सितंबर 2024 तक 33.53 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, यह उछाल मजबूत अर्थव्यवस्था, बढ़ते शहरीकरण और लक्जरी जीवनशैली की ओर बढ़ते झुकाव का संकेत देता है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत में उच्च-स्तरीय संपत्तियों की मांग स्थिर बनी हुई है। प्रीमियम रियल एस्टेट में निवेश करने वाले समृद्ध खरीददारों का विश्वास इस सेगमेंट को मजबूती दे रहा है।
एनएचबी ने बताया कि ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और एलआईजी (निम्न आय वर्ग) का व्यक्तिगत आवास ऋणों में 39 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं, एमआईजी (मध्यम आय वर्ग) का 44 प्रतिशत और एचआईजी (उच्च आय वर्ग) का 17 प्रतिशत योगदान है।
सितंबर 2024 को समाप्त छमाही में 4.10 लाख करोड़ रुपये के व्यक्तिगत आवास ऋण वितरित किए गए जबकि मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष में कुल 9.07 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिए गए। वहीं, आवास मूल्य सूचकांक (एनएचबी-रेसिडेक्स) में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष के 4.9 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष 6.8 प्रतिशत तक बढ़ गया।
