
झाबुआ। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अंतर्गत एक आरोपी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये से दंडित किया गया। घटना का संक्षिप्त विवरण में बताया गया कि आरोपी तेरसिंह 20 नवंबर .2017 से 13 दिसंबर 2017 तक आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित देवझिरी जिला झाबुआ के अध्यक्ष पद पर लोक सेवक के रूप में कार्यरत रहते हुए आरोपी तेरसिंह द्वारा आवेदक कमलसिंह निनामा के पक्ष में 20 नवंबर 2017 को आदेश जारी कर आवेदक की पद स्थापना संस्था के वसूली कार्य एवं प्रबंधक द्वारा सौंपे गये कार्याे से बदलकर देवझिरी दुकान का सोमवार-मंगलवार एवं नवागांव दुकान बुधवार-गुरूवार को संचालन करने के साथ-साथ रासायनिक खाद वितरण करने हेतु पदस्थ किया गया था, किंतु आरोपी तेरसिंह द्वारा आवेदक को चार्ज नहीं दिया जा रहा था एवं चार्ज देने के एवज में आवेदक से 20 हजार रू. रिश्वत की अवैध रूप से मांग की गई तथा 5 हजार रू. प्रतिमाह रिश्वत देने को कहा गया, जिसके एवज में आरोपी ने 5 हजार रू. उसी समय ले लिये थे। शेष 15 हजार रू. 13 दिसंबर 2017 को जेल चौराहा झाबुआ में चाय की गुमटी के पास आवेदक से रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। जिस पर थाना विपुस्था भोपाल पर अपराध क्रं. 287/2017 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उक्त प्रकरण में विशेष न्यायाधीश, (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) झाबुआ, जिला झाबुआ आरके शर्मा द्वारा 14 फरवरी 2025 को निर्णय देते हुए आरोपी तेरसिंह भूरिया को धारा 7, धारा 13(1), डी सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
