जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने बिजली खरीदी व आपूर्ति पर दो प्रक्रियाओं से वसूली पर आपत्ति के प्रकरण में मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सहित अन्य को आवश्यक पक्षकार बनाये के निर्देश देते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। विवाद के प्रश्न पर कानूनी बिंदु के निर्धारण तक अंतरिम रोक की मांग के मामले में मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग को नोटिस जारी किये गये है। आयोग के वकील के निवेदन पर युगलपीठ ने जवाब प्रस्तुत करने चार सप्ताह का समय प्रदान किया है।
उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि बिजली कम्पनियों द्वारा बिजली रेट बढ़ाने हेतु वार्षिक राजस्व आवश्यकता रिपोर्ट (एआरआर) में रेट निर्धारण हेतु बिजली खरीदी व बिजली आपूर्ति की लागत बताई गई है। यही बिन्दु फ्यूल सरचार्ज के निर्धारण में भी शामिल किया गया है। एक ही बिन्दु पर दो प्रक्रियाओं से दो बार वसूली करना कानूनन गलत है।
जब तक इस कानूनी मुद्दे का निराकरण नहीं किया जाता है, तब तक आयोग को वर्ष 2025-2026 बिजली दर निर्धारण पर रोक लगाना चाहिए। यह आपत्ति विद्युत नियामक आयोग को भेजी थी। विद्युत नियामक आयोग ने इस आपत्ति पर केवल नो कमेंट कहते हुए बिजली दर निर्धारण प्रक्रिया जारी रखी है। यदि आपत्ति पर आयोग अनावेदक नो कमेंट कहता है तो यह माना जाना चाहिए की याचिकाकर्ताओं की आपत्ति सही है।मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा नो कमेंट जैसी प्रतिक्रिया दिए जाने के उपरांत व्यापक जनहित में याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त निर्देश जारी किये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की।