आचार्यश्री विद्यासागर वास्तव में “लोक संत” थे – प्रमाणसागर

भोपाल, 06 फरवरी (वार्ता) प्रसिद्ध जैन संत और ओजस्वी वक्ता प्रमाण सागर महाराज ने आज कहा कि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने हमेशा राष्ट्र और समाज हित में कार्य करते हुए सभी जनों को ऐसा ही करने की प्रेरणा दी और वास्तव में वे सिर्फ जैन संत नहीं, बल्कि “लोक संत” थे।

जैन मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने यहां विधानसभा परिसर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के “प्रथम समाधि स्मृति दिवस” के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर जैन मुनि आदित्यसागर, निर्वेग सागर और संधान सागर महाराज, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भोपाल सांसद आलोक शर्मा, राज्य के मुख्य सचिव अनुराग जैन, विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह, राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव और अनेक जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

इसके पूर्व अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ यादव ने घोषणा की कि संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महामुनिराज की स्मृति में भोपाल में “स्मृति स्थल” विकसित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येेक वर्ष आचार्यश्री के ‘समाधि स्मृति दिवस’ पर सरकार की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

एक वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ (चंद्रगिरि) में प्रवास के दौरान आचार्यश्री विद्यासागर महाराज का महाप्रयाण जैन तिथि पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था। आज पूरे एक वर्ष के बाद इस अवसर पर देश में जैन धर्मावलंबियों ने “प्रथम समाधि स्मृति दिवस” के रूप में विभिन्न आयोजन किए। इसी क्रम में मध्यप्रदेश का मुख्य आयोजन यहां विधानसभा परिसर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान ही मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जैन मुनि प्रमाण सागर महाराज के “पाद प्रच्छालन” कर उनसे आशीर्वाद लिया।

श्री प्रमाण सागर महाराज ने समाधिस्थ आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हुयी मुलाकातों का जिक्र करते हुए कहा कि श्री मोदी ने स्वयं कहा था कि आचार्यश्री ने मुलाकातों के दौरान हमेशा राष्ट्रहित में बातें रखीं। जैन मुनि ने कहा कि आचार्यश्री ने सदैव राष्ट्र हित, समाज हित, गौ संरक्षण और जीव दया का संदेश दिया। आचार्यश्री सिर्फ जैनों के नहीं, बल्कि जन जन के “लोक संत” थे।

झारखंड के शिखरजी में आकार ले रहे “गुणायतन” के सूत्रधार और चर्चित भावना योग के प्रणेता प्रमाण सागर महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ यादव ने गौ संरक्षण और जीव दया के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में लाखों करोड़ों गौवंशों की रक्षा के लिए बनायी जा रही शासकीय योजना के संदर्भ में जैन मुनि ने कहा कि “गौ” समृद्धि का प्रतीक है और इसका अर्थ पृथ्वी भी होता है। जो उसके संरक्षण और संवर्धन की बात करेगा, उस स्थान या राज्य में समृद्धि तय है।

टेलीविजन और सोशल मीडिया के चर्चित कार्यक्रम “शंका समाधान” के प्रणेता मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज ने मुख्यमंत्री डॉ यादव की कार्यप्रणाली की सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री ने आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के संबंध में घोषणाएं की हैं और वे इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं। श्री प्रमाणसागर महाराज ने इस कार्यक्रम के संयोजक एवं भोपाल सांसद आलोक शर्मा को भी आशीर्वाद प्रदान किया।

वहीं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आचार्यश्री के प्रथम समाधि स्मृति दिवस पर विधानसभा परिसर में आयोजित “गुरु गुणानुवाद सभा” में पधारे भक्तों का राज्य शासन की ओर से अभिवादन किया। डॉ यादव ने कहा कि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने अपने जीवन में सभी आवश्यक नियमों का पालन किया। आचार्यश्री के जीवन में तप, संयम, त्याग, सेवा, समर्पण जैसे शब्द उनके व्यक्तित्व के सम्मुख छोटे पड़ जाते हैं।

समारोह में राज्य निर्वाचन आयुक्त एवं साहित्यकार मनोज श्रीवास्तव ने आचार्यश्री के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन के अनेक पहलुओं का जिक्र किया। श्री श्रीवास्तव ने आचार्यश्री के चर्चित महाकाव्य मूकमाटी का जिक्र करते हुए कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि आचार्यश्री उच्च श्रेणी के कविवर भी थे।

Next Post

हताशा और निराशा भरा रहा मोदी का भाषण : कांग्रेस

Thu Feb 6 , 2025
नयी दिल्ली, 06 फरवरी (वार्ता) कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में दिये गये भाषण को हताशा और निराशा से भरा बताया और कहा कि डेढ़ घंटे के संबोधन में उन्होंने सिर्फ कांग्रेस को निशाना बनाया है। श्री मोदी के संबोधन के […]

You May Like