पानसेमल,
प्रकृति का मूल आधार “ऊर्जा” है। प्रकृति में ऊर्जा के अनेक रूप है,जिसमें ध्वनेि,ऊर्जा,रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा ‘सौर ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा आदि प्रमुख है। उर्जा के बिना प्रकृति का संचालन सम्भव नहीं है।विद्यार्थीयो एवं शिक्षकों में विज्ञान के प्रति रुचि जाग्रत करने, जिज्ञासा उत्पन्न करने व वैज्ञानिक पहलुओ को समझने हेतु राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद कोलकाता और भारतीय संस्कृति मंत्रालय भोपाल के संयुक्त सहयोग से एक अभिनव पहल की जा रही है। इसकी शुरुवात जनजातीय मंत्री विजय शाह ने हरी झंडी दिखाकर की है।इसी कड़ी में शासकिय कन्या शिक्षा परिसर पानसेमल पहुंची “एनर्जी बस “जिसमें प्रशिक्षक रोहित- पाटिल ने छात्राओ को उर्जा के विभिन्न प्रकार तथा एक प्रकार की ऊर्जा को दुसरे प्रकार की ऊर्जा में बदलने कि प्रक्रिया को प्रायोगिक प्रदर्शन द्वारा प्रस्तुतीकरण कर बताया कि किस प्रकार उर्जा रूपांतरण होती है, विस्तार पूर्वक रोचक व प्रायोगिक ढंग से समझाया गया।प्रशिक्षक द्वारा विद्यार्थीयो एवं शिक्षकों की जीज्ञासाओ को सारगर्भित ओर ज्ञान वर्धक जवाब के साथ संतुष्ट किया।
संस्था के प्राचार्य श्री संतोष पवार ने बताया कि कक्षा 6 से 12 वी तक के विद्यार्थीयो को दिनांक 03.02.25 से 04-02-2025 तक दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें विद्यार्थीयों में विज्ञान के प्रति रुचि जाग्रत करने में भोपाल से चली “एनर्जी बस” अपना योगदान दे रही है। साथ ही संस्था के विज्ञान शिक्षको ने भी एनर्जी बस में किये गये नवाचार से भविष्य में प्रोजेक्ट और प्रयोग के माध्यम से विज्ञान को आसान तरिके से सिखाने की प्रेरणा ली ।इस दौरान प्रविण जाधव, सपना चौहान,अजय पटेल, अरविंद भंडारी, सरला सोलंकी,भाग्यश्री पाटिल,प्रविण माली, वर्षा जाधव,कावेरी अलावें भी सम्मिलित रहे।