जबलपुर: समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी तो गुरुवार को खत्म हो चुकी है, जिसके बाद अब राइस मिलर द्वारा धान खरीदी के समय से ही धान का उठाव करना शुरू कर दिया था जो कि धान का चावल बनाकर उसे जमा करते हैं। परंतु कुछ मिलर द्वारा इस पर भी धांधली और गड़बड़ी करने की शिकायतें सामने आ रही हैं, जिसमें मिलर द्वारा धान तो उठाई जाती है परंतु आर ओ कटने के बाद मिलर अच्छी धान व्यापारियों को बेच देते हैं और घटिया चावल खरीद कर उसे जमा कर देते हैं और मोटी कमाई करते हैं। इसी धांधली पर शिकंजा कसने के लिए राइस मिलर की जांच होनी चाहिए, जिससे राइस मिलर्स द्वारा की गई गड़बड़ी उजागर हो सके।
आयुषी राइस मिल ने की थी हेराफेरी
विगत दिनों पहाड़ीखेड़ा में मनीष साहू द्वारा संचालित आयुषी राइस मिल में हेराफेरी होने की जानकारी सामने आई थी। जिसमें संचालक द्वारा 30 – 30 आरओ का दो लॉट का एग्रीमेंट किया है। लेकिन नॉन की आईडी से 31 लॉट घट चुके है। परंतु मिलर्स के पास स्टॉक नहीं है। जबकि जो स्टॉक मिलर्स के पास रखा हुआ है उसमें समिति की पर्ची नहीं लगी हुई है। जिससे साफ पता चलता है कि मिलर्स ने माल उठाकर उसकी हेराफेरी कर दी है।
कागजों पर चलता है खेल
राइस मिलर्स द्वारा धान खरीदी कर रही समितियां के साथ अपनी आगामी रणनीति बना लेते हैं, जिसमें वह धान उपार्जन के बाद जब धान की मिलिंग की जाएगी तो उसके लिए वह कागजों में खेल खेलेंगे। इस धांधली में कुछ समिति कागजों पर धान चढ़ा लेते हैं और मिलर्स भी कागजों पर ही धान को मिलिंग के लिए उठा लेते हैं। जिसके चलते कागजों पर ही पूरा खेल राइस मिलर्स करते हैं और अच्छी क्वालिटी की धान बाहर बेच कर मुनाफा कमाते हैं।