चित्रकूट प्रवास में संघ कार्यकारी मड़ल के सदस्य सुरेश सोनी ने दी नसीहत
सतना:चित्रकूट विकास की चर्चा के दौरान संघ के वरिष्ठ सदस्य पूर्व संघ सह कार्यवाह वर्तमान अखिल भारतीय कार्यकारी मड़ल के सदस्य सुरेश सोनी ने मानस की चौपाई दैहिक,दैविक भौतिक तापा,रामराज नहिं काहुहि ब्यापा,सब नर करहि परस्पर प्रीती,चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीती का अर्थ स्पष्ट करते हुए नसीहत दी की राम राज्य की कल्पना तब साकार होगी जब लोग परस्पर प्रेम से अपने धर्म का पालन करेंगे.जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गी और मुख्यमंत्री डां मोहन यादव के बिना अधिकृ तकार्यक्रम जारी हुए हुई यात्रा लोगों के जहन में कई प्रश्र पैदा कर रही है.बताया गया है कि प्रभारी मंत्री श्री विजयवर्गी सड़क मार्ग से खजुराहों होते हुए देर रात अंधेरे में चित्रकूट पहुंचे.
उनका अधिकृ ततौर पर आगमन कार्यक्रम कई दिन पहले जारी किया गया था.बाद में कार्यक्रम संशोधन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई .दूसरी तरफ मुख्यमंत्री डां यादव रात नौ बजे तक इन्दौर ,धार के कार्यक्रम अटेण्ड करते रहे इसके बाद हवाईजहाज से रात करीब सवा दस बजे रीवा हवाई अड्डे पहुचे जहां से रात में ही घने कोहरे के बावजूद सड़क मार्ग से चित्रकूट के लिए रवाना हुए.बताया गया है कि मुख्यमंत्री की इस यात्रा के पक्ष में प्रशासन भी नहीं था.लेकिन मुख्यमंत्री ने जब रात में ही जाना तय कर लिया तो प्रशासन ने रीवा से चित्रकूट तक का न सिर्फ यातायात रूकवा दिया,बल्कि मार्ग को भी खाली करा वाहनों को रिक्त स्थानों पर खड़ा कराया गया.
घने कोहरे के बीच रात करीब मुख्यमंत्री डां यादव जब चित्रकूट पहुच गए तब प्रशासन ने राहत की सांस ली.दूसरी तरफ प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गी भी कुछ इसी तरह की हालत में रविवार की रात को चित्रकूट पहुचें थे.बताया गया है कि प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री के पहुचने के पूर्व चित्रकूट से सोमवार को रवाना होने वाले थे.पहले उनकी वापसी रात 11 बजे कामयानी एक्सप्रेस से चित्रकूट से होने वाली थी,येन पहले उन्होने रेवांचल एक्सप्रेस से जाने का इरादा बनाया.प्रशासन ने इसके लिए व्यवस्था भी बनाई.पर यह कोई नहीं जान पाया कि जिले के प्रभारी मंत्री किस ट्रेन से कितने बजे कब गए.मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर बने हालात के कारण कोई यह नहीं बता पा रहा है कि प्रभारी मंत्री मझगवां से रवाना हुए या सतना आकर गए.
प्रदेश सरकार के दो महत्वपूर्ण स्तम्भ के बीच मालवा निमाड की राजनीति को लेकर पैदा हुई तल्खियां सर्वविदित है.समझ जा रहा है कि चित्रकूट में वर्षों पहले राम-भरत मिलाप हुआ था.इस बार संघ के बडे प्रतिनिधि सुरेश सोनी की पहल पर वातावरण की अस्थिरता को स्थिर करने का कोई बडा उपक्रम दीनदयालशोध संस्थान के प्रकल्प आरोग्यधाम में सम्पन्न हुआ.हालांकि इस प्रकार की स्वीकारोक्ति किसी ने नहीं की,फिर भी बन्द कमरे में तीन घन्टे तक श्री सोनी और मुख्यमंत्री के साथ हुई गुप्त मंत्रणा के मायने लगाए जा रहे है.इस मंत्रणा के दौरान कौन-कौन उपस्थित था यह भी पता नहीं चल पाया है.कहा यही जा रहा है अन्दर सिर्फ दो ही कुर्सी लगाई गई थी.भेट के तत्काल बाद ही चित्रकूट विकास की बैठक में श्री सोनी ने मानस की चौपाई दोहराकर अपनी बात को स्पष्ट कर दिया