सियासत
26 जनवरी को राहुल गांधी, प्रियंका और मल्लिकार्जुन खड़गे महू आ रहे हैं. उनके कार्यक्रम में भीड़ एकत्रित करना प्रदेश कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. इसका कारण यह है कि 26 जनवरी को नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने शहरों में और इलाकों में व्यस्त रहते हैं. छुट्टी का माहौल होने से भी भीड़ पर असर पड़ेगा. इसके अलावा समाचार माध्यम भी 26 जनवरी की कवरेज को महत्व देंगे. जाहिर है कांग्रेस के कार्यक्रम को मीडिया कवरेज भी कम मिलेगा. दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा गणतंत्र दिवस के दिन संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर के जन्मस्थल महू में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कार्यक्रम तय किए जाने को लेकर प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेता सहमत नहीं हैं.
इन नेताओं का कहना है कि इस कार्यक्रम को किसी अन्य दिन के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए. कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए जय बापू, जय भीम, जय आंबेडकर अभियान का समापन 26 जनवरी को बाबा साहब के जन्मस्थल पर होना तय किया गया है. वहीं इस दिन से कांग्रेस द्वारा संविधान बचाओ राष्ट्रीय पदयात्रा शुरू की जाएगी. इस आयोजन में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित देशभर के कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया है. दिल्ली से यह निर्णय लिया गया है कि यह कार्यक्रम 26 जनवरी को महू में आयोजित होगा और इसके साथ ही इस दिन कांग्रेस की ओर से महू में एक बड़ी रैली का आयोजन भी किया जाएगा.
इस आयोजन की तैयारियों को लेकर कांग्रेस के प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें अधिक से अधिक भीड़ जुटाने के मुद्दे पर चर्चा हुई. हालांकि राष्ट्रीय नेतृत्व में इन आपत्तियों को खारिज कर दिया है. यानी कार्यक्रम 26 जनवरी को ही होगा. महू में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से कांग्रेस एक तरफ जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाहद्वारा डॉ. आंबेडकर के बारे में दिए गए बयान के विरोध में अभियान की शुरुआत होगी तो उसके साथ ही दूसरी तरफ संविधान को बचाने का अभियान भी एक नई ताकत के साथ शुरू किया जाएगा. अंबेडकर के मुद्दे को कांग्रेस ठंडे बस्ते में जाने देना नहीं चाहती है. यही कारण है कि इस मुद्दे पर देशव्यापी छोटे आंदोलन करने के बाद अब बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाया जा रहा है