जम्मू 09 जनवरी (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए तीन दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
सेंट्रल हॉल जम्मू में आयोजित यह कार्यक्रम नौ से 11 जनवरी तक संसदीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान फॉर डेमोक्रेसीज (प्राइड), लोकसभा सचिवालय और जम्मू-कश्मीर विधान सभा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
श्री उमर ने अपने उद्घाटन भाषण में कार्यक्रम की सावधानीपूर्वक योजना बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष की सराहना की। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी, सोमनाथ चटर्जी, इंद्रजीत गुप्ता, चंद्र शेखर और प्रणब मुखर्जी जैसे प्रख्यात सांसदों के योगदान पर विचार करते हुए उनके तीक्ष्ण विश्लेषण, गहरी समझ और संसद में गरिमापूर्ण आचरण पर टिप्पणी की।
उन्होंने विधायकों से इन प्रतिष्ठित नेताओं का अनुकरण करने और विधानसभा के विचार-विमर्श में सार्थक योगदान देने का आग्रह किया।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष एडवोकेट अब्दुल रहीम राथर ने अपने स्वागत भाषण में विधायकों को प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों से परिचित कराने के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विधायकों को सदन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए परिश्रमपूर्वक काम करने और विधायी मानदंडों को समझने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने विधायकों को बजट निर्माण और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली केंद्र प्रायोजित योजनाओं के बारे में जानकारी देने में ऐसे कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल ने भारतीय विधानमंडलों में समिति प्रणाली पर एक व्याख्यान दिया जिसमें प्रभावी ढंग से समितियों के गठन और प्रबंधन के लिए अंतर्दृष्टि और सुझाव साझा किए गए।
उप मुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने भी सभा को संबोधित किया और अपने दृष्टिकोण से सत्र को और समृद्ध बनाया।
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य विधायकों को विधायी प्रक्रियाओं और शासन में उनके योगदान को बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है।