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खंडवा। एक ही रात में हजारों लोगों को मौत की नींद सुला देने वाले यूनियन कार्बाइट का भूत 40 साल बाद फिर चर्चा में है। भोपाल का कचरा पीथमपुर में जलाने को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ। गैस राहत मंत्री विजय शाह ने कहा है कि कचरा लेब टेस्टिंग और वैज्ञानिक आधार के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। बिना वजह की राजनीति की जा रही है।
खंडवा जिले पहुंचे भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय शाह ने इस जहरीले कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किए जाने पर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली की तारीफ की है। यूनियन कार्बाइड का कचरा 40 साल से इंतजार में था कि वह खत्म होगा।
कहीं,कोई नुकसान नहीं
उन्होंने कहा कि, साल 2014 – 15 में भी वह कचरा जला कर देखा गया था। उसके 10 साल पहले की रिपोर्ट भी देखी गई। बाद में भी देखा गया। उसमें कहीं कुछ ऐसा है नहीं है। उसके निपटान का सारा काम भारत सरकार के मापदंड के अनुरूप ही हो रहा है।
सारे मानक किए हैं पूरे
मंत्री बोले, उन्हें खुशी है कि गैस त्रासदी मंत्री होने के नाते और यह विभाग मिलने के एक साल के अंदर ही उन्होंने न सिर्फ पैसे की व्यवस्था की है, बल्कि वैज्ञानिक तरीके से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए पर्यावरण के भोपाल और दिल्ली के अधिकारियों की देखरेख में वह सारा का सारा जहरीला कचरा, उसे उनके विभाग के द्वारा शिफ्ट करके जलाने की व्यवस्था की गई है। इसके जलाने से किसी को भी, कहीं भी दिक्कत या नुकसान नहीं होगा।