मुंबई 10 दिसंबर (वार्ता) स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड ने आज कहा कि नये साल 2025 में इक्विटी बाजार को और गति मिलेगी और कमोडिटी अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर को पार कर जाएगा।
कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीपाल शाह ने वर्ष 2025 के लिए मंगलवार को मार्केट आउटलुक रिपोर्ट जारी कर कहा, “भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है, जो इसे वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक निवेश स्थान बनाता है। हम भारत की दीर्घकालिक विकास क्षमता पर पूरा भरोसा करते हैं, लेकिन इसके साथ ही हम निवेशकों को सतर्क आशावाद के साथ बाजार में दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देते हैं। हमें उम्मीद है कि 2025 में इक्विटी बाजार को और गति मिलेगी और कमोडिटी अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर को पार करेंगी। साथ ही, युवा निवेशकों का शेयर बाजार में शुरुआती निवेश के जरिए संपत्ति बनाने का बढ़ता रुझान बाजार की ग्रोथ में योगदान देगा।”
रिपोर्ट में इक्विटी मार्केट के बारे में कहा गया है कि मध्यम से दीर्घकालिक में व्यापक बाजार में हल्की वृद्धि की उम्मीद है। घरेलू बुनियादी स्थिति मजबूत बनी रहेगी, लेकिन सतर्क आशावाद की समय की आवश्यकता है। दीर्घकालिक निवेशकों को उच्च मूल्यांकन के बीच एसेट क्वालिटी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं स्थिर हो रही हैं क्योंकि मौद्रिक नीतियां नरमी की ओर बढ़ रही हैं, जिसमें अमेरिका, यूरोप और एशिया में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति उच्च बनी हुई है, विशेष रूप से खाद्य कीमतें। हालांकि अगर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अचानक गिरती है तो फरवरी की नीति में ब्याज दर में कटौती की संभावना बढ़ सकती है।
वर्ष 2024 में अब तक जिन क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है वे रियल्टी 31 प्रतिशत, फार्मा 30 प्रतिशत, और पावर 26 प्रतिशत हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में बैंकों और कैपिटल गुड्स ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जबकि आईटी और उपभोक्ता कंपनियों के परिणाम उम्मीद से कम रहें हैं।
इसी तरह रिपोर्ट में कमोडिटीज के आउटलुक में कहा गया है कि वर्ष 2024 कमोडिटीज के लिए असाधारण रहा है, जहां सोना 2,801.8 डॉलर प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा और चांदी ने 59 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की। कमोडिटी में ये तेजी केंद्रीय बैंकों की मजबूत मांग, भू-राजनीतिक तनाव और हरित तकनीकों में बढ़ते औद्योगिक अनुप्रयोगों से प्रेरित थी।
वहीं, दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव देखने को मिला जिसका कारण चीन में कम होती मांग, फिर अचानक अमेरिका में विनिर्माण में तेजी प्रमुख कारण रहे। वर्ष 2025 में सोना और चांदी की अपनी मजबूती बनाए रखने की संभावना है लेकिन भू-राजनीतिक घटनाक्रम और आर्थिक नीतियां इस कमोडिटी की तेजी पर लगाम भी लगा सकती हैं। कच्चा तेल अगले साल भी वैश्विक चुनौतियों के कारण उतार-चढ़ाव का सामना करेगा लेकिन मध्य-पश्चिम और रूस-यूक्रेन संघर्ष के तनाव कभी-कभी क्रूड की कीमतों को समर्थन भी दे सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रूपए ने स्थिरता दिखाई है, जिसमें समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सक्रिय हस्तक्षेपों ने मदद की जबकि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है। वर्ष 2025 में करेंसी में अस्थिरता की संभावना है क्योंकि वैश्विक बाजारों में अमेरिकी प्रशासन की व्यापार नीतियों और राजकोषीय सुधारों से इसमें व्यवधान हो सकता है, जिससे डॉलर के मजबूत होने की आशंका है। फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति मुद्रा के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रुपया 86-87 रुपये प्रति डॉलर के स्तरों तक पहुंच सकता है।