अहमदाबाद, 07 दिसम्बर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोचावासन अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के कार्यकर सुवर्ण महोत्सव का आज शुभारंभ किया और कहा कि बीएपीएस के वंदनीय कार्यकर अपनी सेवा से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सशक्त कर रहे हैं।
श्री मोदी ने वीडियो लिंक के माध्यम से नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आयोजित सुवर्ण महोत्सव में आए स्वामीनारायण संप्रदाय एक लाख से अधिक कार्यकरों के को संबोधित किया। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्टेडियम में प्रमुख स्वामी जी और महंत स्वामी जी के साथ पूरे तीन घंटे तक लेजर और संगीत की रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। दूरदर्शन एवं अनेक चैनलों पर इस भव्य समारोह का सीधा प्रसारण किया गया।
श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “सेवा के 50 वर्ष की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। पचास वर्ष पहले स्वयं सेवकों का रजिस्ट्रेशन करके उन्हें सेवा कार्यों से जोड़ने की शुरूआत हुई। उस समय कार्यकर्ताओं के रजिस्ट्रेशन कराने के बारे में कोई सोचता भी नहीं था। आज ये देखकर बहुत खुशी होती है कि बीएपीएस के लाखों कार्यकर पूरी श्रद्धा और समर्पण से सेवा कार्यों में जुटे हैं, जो किसी संस्था के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।”
उन्होंने कहा कि भुज में भूकंप से हुई तबाही के बाद के हालात हो, नरनारायण नगर गांव का पुर्ननिर्माण हो, चाहे केरल की बाढ़ हो, उत्तराखंड में भू-स्खलन की पीड़ा हो या फिर कोरोना जैसी महामारी की आपदा हो, हमारे कार्यकर साथी हर जगह परिवारभाव से खड़े होते हैं, करुणा भाव से सेवा करते हैं।
श्री मोदी ने यूक्रेन रूस युद्ध के शुरू होने पर उनके एक अनुरोध पर पोलैंड की सीमा पर बीएपीएस कार्यकरों द्वारा भोजन की व्यवस्था करने का उदाहरण दिया और कहा कि आज बीएपीएस के कार्यकर दुनिया भर में सेवा के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहे हैं। अपनी सेवा से करोड़ों आत्माओं का स्पर्श कर रहे हैं और समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सशक्त कर रहे हैं। इसलिए वे प्रेरणा हैं, पूज्य हैं, वंदनीय हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया है। सेवा परमो धर्म: – ये सिर्फ शब्द नहीं, ये हमारे जीवन मूल्य हैं। सेवा को श्रद्धा, आस्था और उपासना से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। देश की जनता आपसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र-निर्माण की यात्रा के लिए आगे बढ़ रही है।
श्री मोदी ने कहा, “मैं आपसे कुछ अनुरोध करना चाहता हूं और आपको यहां से कुछ संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं – रसायन मुक्त कृषि, नदियों के पुनर्जीवन, युवा सशक्तिकरण और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध होना। इसके अतिरिक्त, हमें दुनिया के साथ साझा किए गए मिशन लाइफ विज़न के प्रभाव को प्राथमिकता देनी चाहिए और प्रदर्शित करना चाहिए। आजकल ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की चर्चा पूरे विश्व में है। इस दिशा में भी आपके प्रयास बहुत अहम हैं। भारत के विकास को गति देने वाले अभियान जैसे फिट इंडिया, वोकल फॉर लोकल, मिलेट्स को बढ़ावा देना… ऐसी कई बातें आप कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि युवा विचारों को नए अवसर देने के लिए कुछ ही सप्ताह बाद जनवरी में विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग का भी आयोजन होगा। इसमें हमारे युवा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आइडिया देंगे।
समारोह को मुख्यमंत्री श्री पटेल और गृह मंत्री अमित शाह ने भी संबोधित किया। श्री शाह ने कहा कि उनके जीवन में संकटों का दृढ़ता से सामना करने की शक्ति प्रमुख स्वामी जी ने दी। उन्होंने कहा कि बीएपीएस ने संस्कारों पर जोर दिया और परिवारों को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि बीएपीएस ने 140 करोड़ भारतीयों के संस्कृति, धर्म, समाज को बल देकर मजबूत भारत की रचना की प्रेरणा दी है।
अंत में महंत स्वामी ने अपने आशीर्वचन में प्रधानमंत्री श्री मोदी, श्री शाह और मुख्यमंत्री श्री पटेल को आशीर्वाद दिया कि वे देश की इसी तरह से दीर्घकाल तक सेवा करते रहें। उन्होंने बंगलादेश में हिन्दुओं पर आयी मुसीबत टल जाने तथा हिंसा हमले बंद होने की कामना की।
आखिर में कार्यकरों ने लेजर शो के साथ दिव्य एवं भव्य आरती की और प्रमुख स्वामी जी की प्रार्थना की। इसके बाद पूरे स्टेडियम में जबरदस्त आतिशबाज़ी की गई।
दुनिया भर में 6000 से ज़्यादा आध्यात्मिक और चरित्र निर्माण केंद्रों और भारत और विदेशों में 1800 से ज़्यादा मंदिरों के साथ बीएपीएस एक वैश्विक सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है जो जाति, रंग और पंथ के भेदभाव से परे सामुदायिक सेवाएँ संचालित करता है। स्वमीनारायण अक्षरधाम जैसे इसके प्रमुख महा-मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला, ज्ञान और आधुनिक तकनीक की पहचान हैं। अबू धाबी हिंदू मंदिर और रॉबिंसविले, एनजे में अक्षरधाम भी बीएपीएस स्वयंसेवकों के प्रयासों के शानदार उदाहरण हैं। इस पूरे वर्ष, बीएपीएस ने राष्ट्र और संगठन के लिए स्वयंसेवकों द्वारा दी गई मानद सेवाओं के 50 वर्षों का स्मरण किया है।
संस्था ने विभिन्न परोपकारी और आपदा राहत गतिविधियों जैसे कि भुज भूकंप (2001), उड़ीसा चक्रवात (2001), कोरोना संकट (2021), यूक्रेन के छात्रों के लिए सहायता कार्यक्रम (2022), वडोदरा में बाढ़ राहत (2024), और कई अन्य में प्रयास किया है। इसके अतिरिक्त, संस्था पारिवारिक सद्भाव, नशा मुक्ति, आदिवासी उत्थान और गरीबों और जरूरतमंदों के लिए स्वास्थ्य और शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए निरंतर प्रयास करती है। इन सभी विविध गतिविधियों की आधारशिला दुनिया भर में एक लाख पुरुष और महिला स्वयंसेवक दल हैं, जो सभी क्षेत्रों से आते हैं।