लोक शिक्षण संचालनालय ने निजी विद्यालयों हेतु संबंधित नीति-निर्देश किए जारी
नवभारत न्यूज
रीवा, 30 अक्टूबर, इस सत्र में निजी विद्यालयों की मनमानी और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए मान्यता व संबद्धता के नियम कड़े कर दिए गए हैं. इस बार मान्यता के लिए जो विद्यालय आवेदन करेंगे, उनकी जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) समिति गठित करेंगे. इस समिति की निरीक्षण रिपोर्ट के बाद डीईओ मान्यता की अनुशंसा करेंगे. इसके बाद ही लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) संबंधित विद्यालय की मान्यता जारी करेगा. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल उन विद्यालयों को संबद्धता जारी करेगा. दरअसल पिछले सत्र 2023-24 में प्रदेश के कुछ जिलों में निजी विद्यालयों ने बिना मान्यता नवीनीकरण के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया था. जब इन विद्यार्थियों का परीक्षा फार्म मंडल में आया तो पता चला कि इन विद्यालयों को संबद्धता ही नहीं दी गई है. इसके बाद इन विद्यार्थियों को प्राइवेट से परीक्षा दिलाई गई. इससे संबंधित विद्यालयों के करीब सवा सौ विद्यार्थियों को प्राइवेट से परीक्षा देनी पड़ी, क्योंकि उनके विद्यालय को मंडल से संबद्धता प्राप्त नहीं थी. इस कारण इस साल मंडल संबद्धता में पारदर्शिता लाने के लिए वेबसाइट तैयार कर रहा है, जिससे विद्यालयों के बारे में अभिभावकों व विद्यार्थियों को पूरी जानकारी मिल सके.
पूरी तरह नहीं हो रहा नियमों का पालन
माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता नियम 2017 (संशोधित नियम 2020) में यह उल्लेखित है कि 10वीं तक के विद्यालय चार हजार वर्ग फीट क्षेत्र में होना चाहिए. ऐसे ही, 12वीं तक के विद्यालय 5600 वर्ग फीट के क्षेत्र में होना चाहिए. विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण वर्षों से कई ऐसे विद्यालय ऐसे नियमों का पालन किए बगैर चल रहे हैं. इन विद्यालयों के पास ना तो पर्याप्त कमरे हैं और ना ही मान्यता नियमों का पालन कर रहे हैं.
नवीनीकरण व पता परिवर्तन भी हो सकेगा
सत्र 2025-26 की नवीन मान्यता के लिए निजी विद्यालय 25 नवम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. इसी अवधि में मान्यता नवीनीकरण, पता परिवर्तन, विषय वृद्धि आदि के लिए भी आवेदन होगा. प्राप्त आवेदनों की जांच रिपोर्ट अनुशंसा के साथ डीईओ द्वारा जेडी रीवा को 10 दिसम्बर तक ऑनलाइन दी जायेगी. तत्पश्चात संचालनालय से मान्यता कार्यवाही पूरी होगी.