प्रार्थना हास्पिटल की लापरवाही से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा मासूम

पीडि़त एसपी कार्यालय पहुंचकर की शिकायत, लगाए आरोप

नवभारत न्यूज

रीवा, 7 नवम्बर, रीवा में निजी नर्सिंग होम कुकुरमुत्ते की तरह खुलते जा रहे है. जहा स्वास्थ्य सुविधा देने के नाम पर मरीजो के साथ एक तरह की लूट की जाती है. हर तीसरे दिन किसी न किसी नर्सिंग होम में विवाद की स्थित निर्मित होती है. ऐसा ही एक मामला शहर के प्रार्थना हास्पिटल का सामने आया है. जहा उपचार में बरती गई लापरवाही को लेकर युवक द्वारा मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर की गई है. जिसमें पीडि़त ने लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है और अपने मासूम बच्चे का उपचार एक निजी अस्पताल में करा रहा है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. यह स्थित अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ नर्स के बदलौत निर्मित हुई है. पीडि़त दुआरी अमरैया निवासी शिशिर चन्द्र तिवारी ने पूरे मामले की शिकायत एसपी से की है. उन्होने बताया कि 21 अक्टूबर को उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उन्होने डा0 अनामिका सिंह को दिखाया. जिस पर उन्होने प्रार्थना हास्पिटल में भर्ती करने को कहा. यहा भर्ती करने के बाद शाम को लेवर रूम में ले जाकर पत्नी के प्राईवेट पार्ट में हाथ डाल कर बच्चे को निकाला गया, जैसा कि पत्नी ने बताया. श्री तिवारी ने आरोप लगाते हुए बताया कि इसके बाद जच्चा-बच्चा के बारे में कोई जानकारी नही दी गई. बच्चे की हालत खराब थी जिसका उपचार डा0 के.के तिवारी कर रहे थे. पीडि़त के मुताबिक पत्नी को कई दवाई एक घंटे के अंदर दी गई, कौन सी दवा दी गई यह नही बताया गया और जब हालत खराब हुई तो प्रार्थना हास्पिटल से भाग कर बच्चे को एक दूसरी निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहा उपचार चल रहा है. पीडि़त ने कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि प्रार्थना हास्पिटल के डाक्टर और स्टाफ नर्स की लापरवाही से आज उनका बच्चा जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. अगर कार्यवाही नही हुई तो न्यायालय की शरण में जाने की बात उन्होने कही है.

पहले भी हो चुका है यहा विवाद

समान-पीटीएस मार्ग में संचालित प्रार्थना अस्पताल का यह कोई पहला मामला नही है. इसके पहले भी यहा विवाद की स्थित निर्मित हो चुकी है. एक महिला की मौत प्रसव के बाद हो गई थी जिसके बाद परिजनो ने जमकर हंगामा किया था और अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया था. जिसके बाद आनन-फानन हंगामे को देखते हुए समान पुलिस पहुंची थी और मामले को शांत कराया था. यहा मरीजो के साथ दुव्र्यवहार किया जाता है, कुछ मरीज के परिजन विरोध कर पाते है और कुछ लोग नही कर पाते. अस्पताल प्रबंधन पर लगातार उपचार में लापरवाही को लेकर आरोप लगते रहे है.

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