सतना :मैहर जिले के नादन थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर शनिवार की रात हुए भीषण सड़क हादसे को लेकर अगले दिन मैहर से लेकर सतना तक कोहराम मचा रहा. एक ओर जहां अपनों के शव के साथ परिजनों का करुण क्रंदन जारी रहा. वहीं दूसरी ओर अस्पताल में इलाजरत मरीजों को देखने पहुंचे परिजनों के बीच आपाधापी मची रही. प्रशासन द्वारा मृतकों के शवों को उनके परिजनों के साथ गृह ग्राम भेजे जाते रहे. अस्पताल में भर्ती घायलों के खौफज़दा चेहरों पर घटना की भयावहता साफ नजर आ रही थी.मैहर के नादन क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर सड़क किनारे खड़ी यात्री बस का अगला हिस्सा तकरीबन नदारद हो चुका है, जो यह बताने के लिए काफी है कि उसमें बैठे यात्रियों के लिए बीती रात कितनी भारी रही होगी.
इतना ही नहीं बल्कि घटनास्थल को देखकर स्थानीय रहवासी भी सिहर उठे. प्रयागराज से नागपुर की ओर जा रही बस सड़क पर खड़े डंफर से जा टकराई थी. नतीजतन बस में सवार 9 यात्रियों की मौत हो गई और दो दर्जन यात्री घायल हो गए. मृतकों में अधिकांश यात्री उप्र के हैं. मैहर प्रशासन द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार मृतकों में 2 वर्षीय बालक देवांश उर्फ गणेश साहू पिता राजेश कुमार निवासी बक्सा जौनपुर सहित लल्लू उर्फ लाल सिंह यादव पिता रामअवतार उम्र 60 वर्ष निवासी प्रतापगढ़ उप्र, विश्वप्रकाश पाण्डेय निवासी रानीगंज प्रतापगढ़ उप्र, प्रांजल विश्वकर्मा गौरीगंज निवासी प्रतापगढ़ उप्र, अंबिका प्रसाद पिता मोतीलाल निवासी जौनपुर उप्र, रामनरेश गौतम निवासी मछली शहर जौनपुर, रमेश निवासी जौनपुर, विश्वनाथ निवासी जौनपुर शामिल हैं.
जबकि घायलों दो दर्जन लोगों में से कुछ का इलाज मैहर स्थित सिविल अस्पताल व सीएचसी अमरपाटन में जारी है. जबकि कुछ को इलाज के लिए जिला अस्पताल सतना रेफर किया गया था. शनिवार की रात लगभग साढ़े 10 बजे हुए इस भीषण सड़क हादसे की जानकारी मिलने के बाद रात के ढाई बजे तक रेक्स्यू ऑपरेशन जारी रहा. जैसे-जैसे मृतकों और घायलों की पहचान होती गई वैसे-वैसे उनके परिजनों को सूचित किया जाने लगा. जिसके चलते रविवार को मृतकों व घायलों के परिजनों के मैहर व सतना पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया. मृत व घायलों के परिजनों के करुण कं्रदन ने अस्पताल में मौजूद सभी लोगों को झकझोर कर रख दिया.
प्रशासन एक ओर जहां घायलों के समुचित इलाज संबंधी निर्देश पर अमल कराने की कोशिश में जुटा रहा. वहीं दूसरी ओर रोगी कल्याण समिति के माध्यम से मृतकों के शवों को उनके गृहग्राम तक परिजनों के साथ नि:शुल्क भेजे जाने की व्यवस्था सुनिश्चत की गई. लेकिन मामले का काबिलेगौर पहलू यह भी देखने को मिला कि एक ओर जहां भीषण सड़क हादसे को लेकर मैहर से लेकर सतना तक हाहाकार की स्थिति बनी रही, वहीं दूसरी ओर मैहर जिला कलेक्टर रानी बाटड रात में घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकीं. अलबत्ता रविवार की सुबह उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना.
गृह ग्राम भेजे गए मृतकों के शव
भीषण सड़क हादसे में जान गवाने वाले विश्वप्रकाश उर्फ पंकज पाण्डेय उम्र 35 वर्ष के शव को उनके पिता ज्ञान दत्त पाण्डेय को सौंपते हुए एंबुलेंस के माध्यम से गृह ग्राम रानीगंज प्रतापगढ़ उप्र के लिए मैहर से भेजा गया. इसी कड़ी में घटना में मृत लल्लू यादव पिता रामअवतार निवासी प्रतापगढ़ का शव उनके चाचा को और प्रांजल विश्वकर्मा निवासी जौनपुर का शव उनके पिता जितेंद्र विश्वकर्मा को सौंपते हुए सतना जिला अस्पताल से गृह ग्राम के लिए भेजा गया. हादसे में मृत 3 वर्षीय बालक देवांश साहू पिता राजेश निवासी बक्सा जौनपुर का शव चाचा विजय साहू को सौंप दिया गया. इसके साथ ही मृतक अंबिका प्रसाद पिता मोतीलाल उम्र 33 वर्ष निवासी जौनपुर का शव भी परिजनों के सुपुर्द किया गया. इसके अलावा मृतक रमेश सरोज उम्र 40 वर्ष पिता भोजे और विश्वनाथ उर्फ दिलीप सरोज पिता सीताराम उम्र 45 वर्ष दोनों निवासी नवपेड़वा उप्र के परिजनों के सोमवार की सुबह तक मैहर पहुंचने की संभावना को देखते हुए डीफफ्र ीजर में सरुक्षित रखवा दिए गए. मृतकों और घायलों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के बाद मैहर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि रोगी कल्याण समिति मैहर के माध्यम से मृतकों के शवों को उनके गृह ग्राम तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चत करने के साथ ही मुआवजे के संबंध में शासन प्रशासन से चर्चा की जा रही है.
मुख्यमंत्रियों ने जताया शोक
मैहर जिले में हुए भीषण सड़क हादसे के संबंध में राज्य के मुखिया मोहन यादव सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शोक व्यक्त किया. साझा की गई पोस्ट में इस बात का जिक्र किया गया कि भीषण सड़क हादसे में 9 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एक अत्यंत गंभीर हालत में है. अधिकांश यात्री उप्र व महाराष्ट्र के हैं. बाबा महाकाल से दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की कामना करता हूं. परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि सभी घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले.
इसी कड़ी में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर शोक व्यक्ति करते हुए लिखा कि मप्र के मैहर में सड़क दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दु:खद है. मेरी संवेदनाएं मृतकों के शोक स़तप्त परिजनों के साथ हैं. मप्र प्रशासन से संपर्क स्थापित कर पीडि़तों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें.
जिसके लिए मनौती, वही नहीं रहा
मैहर में हुए भीषण सड़क हादसे में जिस 3 वर्षीय बालक देवांश की दु:खद मौत हो गई उसके घायल पिता राजेश जिला अस्पताल सतना में भर्ती हैं. जबकि मृत देवांश की मां गीता और दोनों बहनें आरुषि व आरवी का इलाज अमरपाटन सीएचसी में जारी है. सूचना पाकर मैहर पहुंचे चाचा विजय साहू को देवांश का शव सौंप दिया गया है. लेकिन उनके सामने सबसे बड़ा धर्म संकट यह है कि बेटे के निधन का समाचार उसके घायल माता-पिता को कैसे सुनाएं. विजय के अनुसार मां गीता ने अपने बेटे के लिए मनौती मांगी थी, जिसके पूरा होने पर जौनपुर स्थित घर में पूजा कराई गई थी. पूजा के बाद माता-पिता और दोनों बहनों के साथ देवांश वापस नागपुर जा रहा था. लेकिन इतनी छोटी सी उम्र में उसका यह आखिरी सफर बन गया.
महीने भर बाद चढ़ा था कंडक्टर
सड़क हादसे में बस के कंडक्टर लाल सिंह यादवे ने भी दम तोड़ दिया. प्रतापगढ़ उप्र के मल्यान टोला से बेटे का शव लेने पहुंचे पिता ने फफकते हुए बताया कि लाल सिंह महीने भर बाद इस बस में चढ़ा था. उन्हें नहीं मालुम था कि यह उसका आखिरी सफर होगा. पिता के अनुसार बेटा लाल सिंह आभा ट्रवेल्स कंपनी में नौकी करता था लेकिन वह हर रोज नहीं बल्कि बीच-बीच में प्रयागराज-नागपुर रुट पर निकलता था.
बेटी को लेवाने जा रहे थे
हादसे में गंभीर तौर पर घायल वृद्ध कन्हैयालाल गुप्ता निवासी जौनपुर उप्र के अनुसार फरवरी में उनकी छोटी बेटी की शादी है. जिसके लिए वे अपनी दूसरी बेटी को लेवाने नागपुर जा रहे थे. उन्हें जाता देख बड़ी बेटी रेखा और नातिन प्रियांशी भी साथ चलने को तैयार हो गई. लेकिन रास्ते में नींद आ ही रही थी कि हादसा हो गया. आंख खुली तो भयानक मंजर देख कर वे सिहर उठे. दुर्घटना में घायल कन्हैयालाल जिला अस्पताल में जबकि उनकी बेटी रेखा और नानित प्रियांशी मैहर सिविल अस्पताल में इलाजरत हैं.
बुआ से नहीं मिल पाया प्रांजल
सड़क हादसे में जिस छात्र प्रांजल विश्वकर्मा की मौत हो गई वह उप्र के गौरागंज जौनपुर स्थित अपने घर से नागपुर स्थित अपनी बुआ के घर जा रहा था. उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया था लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. इसी कड़ी में गंभीर तौर पर घायल शिवशंकर ने बताया कि दुर्घटना के चलते वह बस में बुरी तरह फंस गया था. जेसीबी मशीन व गैस कटर की मदद से उसे किसी तरह बाहर निकाला गया. शिवशंकर अपनी बुआ नगीना के साथ बस में सवार हुआ था, और अपने दादा की तेरहवीं में शामिल होकर वापस लौट रहा था. बुआ नगीना मैहर अस्पताल में भर्ती हैं.
एक टिकट पर आई दोनों की मौत
उप्र के जौनपुर के नवपेड़वा निवासी रमेश सरोज उम्र 40 वर्ष पिता भोजे और विश्वनाथ उर्फ दिलीप सरोज पिता सीताराम उम्र 45 वर्ष दोनों एक साथ एक ही टिकट पर सफर कर रहे थे. हादसे में दोनों की जिंदगी का सफर एक साथ ही खत्म हो गया. विश्वनाथ की जेब से मिले टिकट से उसकी पहचान हो पाई. जबकि हादसे में रमेश की जेब में पड़ा मोबाइल फट गया था. नागपुर के रहने वाले दो सगे भाई प्रमोद और प्रवीण श्रीवास अपने मंझले भाई की अस्थियां विसर्जित करने प्रयागराज गए थे. जहां से वापस लौटने के दौरान हुई दुर्घटना में वे घायल हो गए. अस्पताल में इलाजरत घायलों के अनुसार तेज रफ्तार बस जब आगे खड़े डंफर से टकराई तो ऐसा लगा जैसे कोई पहाड़ टूट पड़ा हो.