झाबुआ: भारत की लोक कलाओ को समृद्ध बनाने में संकल्प ग्रुप झाबुआ के छोटे-छोटे प्रयास महत्वपूर्ण होते है। मालवा और निमाड़ की माटी में गुंजते संजा के गीत इनकी तिथिवार आकृतियों का स्मरण करवाते हुए हमें बचपन की और ले जाते है। उक्त जानकारी देते हुए संकल्प ग्रुप झाबुुआ की प्रमुख भारती सोनी ने बताया की इसी परंपरा को सतत बनाते हुए पिछले वर्ष संजा बाई मांडने की प्रतियोगिता का आयोजन किया था। जिसका सार्थक परिणाम सामने आया था तथा सैकडो की संख्या में बहिनों ने इसमे सहभातिगता की थी। इसी कडी में इस वर्ष भी संकल्प ग्रुप ने इस प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रहा है और ऑनलाईन संजा या सांझी बनाओं प्रतियोगिता का आयोजन आज से 2 अक्तुबर तक आयोजित की गई है।
उन्होने बताया कि कन्याओं द्वारा इस संस्कृति को आगे बढ़ाने में हम सब मिलकर प्रयास कर रहे है। ऑन लाईन इस संजा प्रतियोगिता के प्रथम 2001, द्वितीय 1001 एवं तृतीय पुरस्कार 501 रूपये का निर्धारित किया गया है। प्रतियोगिता के नियम के बारे में उन्होने बताया कि रचना पारंपरिक तरीके व आकृतियों में बनी होनी चाहिए। संजा गोबर से भीत (दिवाल पर) बनी होनी चाहिए। एक रचना को एक बार ही प्रतियोगिता में सम्मिलित किया जायेगा (एक आकृति पर अलग-अलग प्रतियोगियों की फोटो को सम्मिलित नही किया जायेगा) प्रतियोगिता संजा बनाते हुए साथ ही नाम व शहर का नाम बोलकर संजा बाई के गीत की दो पंक्तियां गाते हुए एक मिनिट का वीडियो भेजना होगा।
इस प्रतियोगिता में देश, विदेश की सभी बहने सम्मिलित हो सकती है। संजा बनाते हुए पारंपरिक आकृति अंकन, सफाई, श्रृंगार सामग्री व स्पष्टता के साथ ही विशेष आकर्षण पर निर्णय लिया जायेगा। प्रतियोगिता मंे निर्णायको द्वारा दिया गया निर्णय अंतिम माना जायेगा। निर्णय व पुरस्कार वितरण की घोषणा संकल्प परिवार द्वारा यथा समयघोषित की जाएगी। प्रतियोगियो को अपनी वीडियो क्लिपिंग निश्चित तारीख व समय पर मोबाईल नंबर 9399765088, 91313 74939, 75668 55643 भेजे। प्रतिभागी की एक मिनिट की वीडियो क्लिपिंग ही इस प्रतियोगिता में सम्मिलित हो सकेगी। जिसमे प्रतिभागी का नाम व शहर का नाम बोलकर संजा बनाते हुए आपकी गीत की प्रस्तुति भी देना होगी। उन्होने देश, विदेश की सभी बहिनों से अपील की कि भारत की पुरातन संस्कृति के इस अनुठे संजापर्व की परंपरा को अक्षुण बनाये रखने में इस प्रतियोगिता मेें भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनावेगें।