० आठ पंचायतों के 17 गांव होने थे सिंचाई सुविधा से लाभान्वित, बजट में हो रहा लम्बा खेला
नवभारत न्यूज
सीधी 10 नवम्बर। जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत 8 ग्राम पंचायतों के 17 गांव सिंचाई सुविधा से लाभांवित होने की बाट आज भी जोह रहे हैं। विडंबना यह है कि करोड़ों का बजट खर्च होने के बाद भी मौके पर आवश्यक काम नहीं हो सका।
बताते चलें कि प्रधानमंत्री की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना यानि की पीएम के एस वाय 2.0 अंर्तगत स्वीकृत परियोजना वर्ष 2021-2022 में इस परियोजना के तहत 5768 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा के लिए शामिल किया गया था। परियोजना क्षेत्र के 8 पंचायतो के 17 गांव लाभान्वित होने थे जिसमे बरसाई, भगोहर, सेन्दुरा, कोचिला, डोल, कोठार, बरमबाबा, तेगवा क्षेत्र को शामिल किया गया था। परियोजना की लागत मूल्य 1268.96 लाख राशि 12.6 करोड के लगभग थी। यदि यह परियोजना अपना मूर्त स्वरूप ले पाती तो शायद वाटर शेड कमेटी क्षेत्र की 8 ग्राम पंचायतें सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होती। किसानों की 5768 हेक्टेयर क्षेत्र की जमीन सिंचित हो जाती। विडम्बना यह है कि जिले के वाटरशेड से सम्बद्ध अधिकारियों ने क्षेत्र का विकास न करके परियोजना को चारागाह समझा और कुछ चिन्हित लोगों को इसमें शामिल किया जिससे उनकी मनमानी का विरोध न हो सके। मनमानी करने के लिए मौके पर कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया। मनमानी के चलते चिन्हित गांव में वाटरशेड की परिकल्पना साकार नहीं हो सकी है। संबंधित ग्राम पंचायत क्षेत्र के रहवासियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि यह परियोजना यदि पूर्ण हो जाती तो यहां की भूमि में सिंचाई सुविधा मिल जाती और किसानों को खेती की अच्छी पैदावार मिलने लगती। दुर्भाग्य यह है कि इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों द्वारा अपना लाभ साधने के लिए हजारों किसानों के हितों पर कुठाराघात किया गया है। परियोजना लागत का मेन हेड का 1 प्रतिशत, परियोजना मद का 2 प्रतिशत राशि प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर खर्च करनी थी। जबकि इंटी पोईंट एक्टिविटी पर 3 प्रतिशत, मैनेजमेंट खर्च परियोजना लागत का 10 प्रतिशत रखा गया। नेचुरल रिसोर्सेस मैनेजमेंट यानि अधोसंरचना मद में 47 प्रतिशत की राशि खर्च होनी थी।
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वित्तीय वर्षवार व्यय हुई परियोजना राशि
वर्ष एनआरएम मद
2022-23 352.33 करोड़
2023-24 357.83 करोड़
योग 710.16 करोड़
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इनका कहना है
मैं देखता हूं कहां कितनी राशि आई है और कितना खर्च किए हैं। मैं देखने के बाद ही इस संबंध में बता पाउंगा।
अंशुमन राज, सीईओ जिला पंचायत सीधी
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