श्रीनगर 23 सितंबर (वार्ता) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि सरकार को उन बंदियों के बारे में सोचना चाहिए जिनके खिलाफ पिछले पांच सालों से कोई आरोप तय नहीं हुआ है।
गृह मंत्री अमित शाह की ओर से रविवार को जम्मू में एक चुनावी रैली के दौरान दिए गए बयान के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए श्री अब्दुल्ला ने यह बात कही। श्री शाह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी पत्थरबाज या आतंकवादी को रिहा नहीं किया जाएगा।
नेकां उपाध्यक्ष ने सोमवार को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में मीडियाकर्मियों से कहा, “आखिरकार सभी को अपनी बेगुनाही साबित करने और जेल से बाहर आने का अधिकार है।”
श्री अब्दुल्ला मध्य कश्मीर के बडगाम और गंदेरबल जिलों से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, क्या उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया है। क्या उनका अपराध अदालत में साबित हुआ है। आपने उन्हें पिछले पांच सालों से जेल में रखा है, मुझे बताएं कि उनमें से कितनों का अपराध अदालत में साबित हुआ है। उनमें से अधिकांश के खिलाफ आज तक कोई मामला शुरू नहीं किया गया है।”
उन्होंने कहा कि सरकार को उन बंदियों के बारे में सोचना चाहिए जिनके खिलाफ अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। इससे पहले बडगाम में अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र उन लोगों के मामले की समीक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है और उन्हें जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सरकार में आने पर पीएसए को निरस्त करेगी और उन सभी बंदियों को सम्मान के साथ घर वापस लाने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई घर नहीं बचा है जहां उनके किसी युवा के खिलाफ उनके इलाके के थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें हर सप्ताह थाने में पेश होने के लिए कहा जा रहा है।