सिंहस्थ के मद्देनजर शहर हुआ तैयार, चौड़ीकरण को लेकर असमंजस बरकरार

उज्जैन। सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर नजर तमाम निर्माण कार्य अभी शुरू होना शेष है। उसके पहले जहां पर चौड़ीकरण होना है व मकान दुकान हटाया जाना है उसके लिए शहर की जनता को भरोसे में भी लेना होगा। एन वक्त पर तमाम विवादों का सामना करना पड़ सकता है। उज्जैन शहर में लगभग दर्जन भर सडक़ों का चौड़ीकरण किया जाना है। इधर सिहस्थ के प्रोजेक्ट उलझने से आम जनता में भी अब धीरे-धीरे रोष उत्पन्न होने लगा है । नवभारत ने इसको लेकर नगर निगम और जिला प्रशासन की तैयारियों का आंकलन किया तो जानकारी सामने आई की गाड़ी अड्डा चौराहा से बड़े पुल तक का चौड़ीकरण अक्टूबर में किया जाएगा। इसको लेकर पूरे चौड़ीकरण वाले स्थान से पोल शिफ्टिंग किए जायेंगे। जयसिंहपुरा क्षेत्र में एक रेलवे ओवर ब्रिज भी बनाया जाना तय हुआ है। इसके लिए राशि भी स्वीकृति हो चुकी है। जयसिंहपुरा से लेकर ज्ञान सागर स्कूल के पास तक का रोड भी चौड़ा किया जाएगा। नर्सिंग घाट से लेकर हर सिद्धि मंदिर तक सीधी कनेक्टिविटी होगी। जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर दर्शन के लिए जाना आसान होगा। रेलवे पटरी का हिस्सा रेलवे द्वारा बनाया जाएगा। यहां जयसिंहपुरा में रेलवे द्वारा ओवर ब्रिज बनाया जाएगा और बाकी का काम नगर निगम द्वारा होगा।

 

शहर की यह सडक़ भी होंगी चौड़ी

इसी तरह नानाखेड़ा से शांति पैलेस चौराहे तक सडक़ का निर्माण होगा। जिसकी लागत लगभग 13 करोड़ होगी। वहीं फ्रीगंज के घास मंडी चौराहा से लेकर उद्यन मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा। इसी तरह राजस्व कॉलोनी के मार्ग का भी चौड़ीकरण होगा। वहीं देवास रोड से हामूखेड़ी बिजासन माता मंदिर तक का चौड़ीकरण किया जाना है जिसकी लागत 10 करोड रुपए है। नगर निगम द्वारा स्पेशल असिस्टेंट अंतर्गत सिंधी कॉलोनी तिराहे से लेकर हरि फाटक ब्रिज तक लगभग 7 करोड रुपए की लागत से चौड़ीकरण किया जा रहा है। सिंधी कॉलोनी वाले चौड़ीकरण मार्ग पर धीमी गति से कार्य किए जाने पर सहायक यंत्री मनोज राजवानी पर नाराजगी जाहिर करते हुए ठेकेदार पर ढाई लाख का जुर्माना भी लगाया। साथ ही राजवानी को उक्त कार्य में लापरवाही बरतने पर हटा दिया गया।

 

विकास की फाइलों पर धूल

नवभारत ने जब उज्जैन के भावी विकास कार्यों की फेहरिस्त खंगाली तो पता चला कि पूरे उज्जैन शहर में सैकड़ों निर्माण कार्य, सौंदर्यीकरण, चौड़ीकरण विकास कार्य के प्रस्ताव पारित किए गए हैं। नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन और प्रत्येक सरकारी विभागों ने फाइल में दौड़ाई है। बावजूद इसके अफसरों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते फाइलों से धूल साफ नहीं की गई है। वीआईपी ड्यूटी और धार्मिक आयोजनों की आड़ लेकर अफसर सिंहस्थ कार्य से बचते दिखाई दे रहे हैं, हर किसी अधिकारी को पता है कि उनका ट्रांसफर उज्जैन से हो जाएगा। कितने मकान दुकान हटेंगे, कितना मुआवजा बंटेगा और कितना हिस्सा चौड़ीकरण में आएगा, कितनी डीपीआर बनाई जाना है, कब टेंडर होना है इस पर अधिकारियों द्वारा चुप्पी साधी जा रही है।

 

इनका कहना

सिंहस्थ के मद्देनजर तो अभी बड़े पैमाने पर कार्य शुरू होना बाकी है। तमाम ब्रिज बनेंगे, फोरलेन सिक्सलेन जैसे प्रोजेक्ट शुरू होना बाकी है, जिनको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। बावजूद इसके शहर की सडक़ों को चौड़ी करने, डिवाइडर बनाने से लेकर अन्य निर्माण कार्य प्रारंभ हो गए हैं और यह सब स्थाई कार्य है जो उज्जैन शहर की जनता से लेकर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को खास फायदा पहुंचाएंगे।

-आशीष पाठक, नगर निगम आयुक्त

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