आखिर क्यों हो रही हैं नृशंस हत्याएं ?

एक के बाद दूसरी ऐसी वारदात सामने आ रही है कि या तो पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की जघन्य हत्या की. या पति ने प्रेमिका के साथ मिलकर पत्नी को मारा. इस तरह की खबरें भी आए दिन पढऩे को मिलती हैं कि खाना अच्छा नहीं बना इसलिए पति ने पत्नी को इतनी जोर से मारा कि उसकी मृत्यु हो गई.जाहिर है बढ़ते भौतिकवाद और पैसा कमाने की अंधी होड़ ने आम आदमी के जीवन को तनाव से भर दिया है.इसी तनाव और हताशा में वो हिंसक होते जा रहा है.

समाज शास्त्रियों और गैर सामाजिक संगठनों ने इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. दरअसल कुटुंब व्यवस्था के बिगडऩे से बच्चे को परिवार का दुलार नहीं मिल पाता. ऐसे में बच्चा या तो आया के भरोसे या दिनभर घर में माता-पिता की राह देखकर एकाकी तौर पर पलता है. बड़ा होकर यही बच्चा थोड़ा सा भी तनाव नहीं झेल पाता और हिंसक हो जाता है. हाल में ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आई हैं.मेरठ की मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या कर दी. ऐसे ही मुजफ्फरनगर की पिंकी ने अपने आशिक के लिए अपने पति अनुज को जहर पिलाकर मार दिया. रिश्तों में हत्या का ऐसा ही प्रकरण बेंगलुरू में देखने को मिला, वहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या करके उसकी बॉडी को सूटकेस में भर दिया. इस तरह की घटनाओं के लगातार बढऩे से दरअसल, देश के समाज शास्त्री चिंतित हैं.

बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में दुनिया भर में कुल 51 हजार 100 महिलाओं और लड़कियों का कत्ल हुआ है. इनमें से 60 प्रतिशत के करीब कत्ल महिलाओं या लड़कियों के अपने पार्टनर, पति या फैमिली मेंबर ने किए.एक रिपोर्ट कहती है कि देश भर में हर साल औसतन 225 लोगों को उनकी पत्नियां कत्ल कर देती हैं और लगभग 275 पत्नियां अपने पति के हाथों मारी जाती हैं.

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में हर ग्यारहवें मिनट में एक महिला या लडक़ी का कत्ल होता है. इनमें से औसतन हर रोज 140 महिलाओं या लड़कियों का कत्ल उनके घर के अंदर होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च काउंसिल की रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2022 में दुनिया भर में कुल 48 हजार 800 महिलाओं और लड़कियों के कत्ल हुए थे और इनमें से भी 60 प्रतिशत से ज्यादा कत्ल पार्टनर, पति या फैमिली मेंबर ने ही किए थे.वर्ष 2022 में ऐसे अपराधों के मामलों में अफ्रीका पहले नंबर पर था और एशिया दूसरे नंबर पर ऐसे अपराधों में अब 2023 में एशिया पहले नंबर पर है और अफ्रीका दूसरे नंबर पर है. आंकड़ा कहता है कि पार्टनर पति या रिलेशनशिप में दुनिया भर में जितने कत्ल होते हैं, उसकी 58 प्रतिशत शिकार महिलाएं या लड़कियां होती हैं . लेकिन चौंकाने वाला आंकड़ा यह भी है कि इसी पार्टनर और रिलेशनशिप की वजह से 42 प्रतिशत पुरुषों का भी कत्ल होता है अर्थात यह अंतर ज्यादा नहीं है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर एक हजार पति में से 29 पति अपनी पत्नियों की हिंसा का शिकार होते हैं.जबकि एकल परिवार में यही आंकड़ा पत्नियों के लिए हर एक हजार में 32 है. वैसे पति पत्नी से जुड़े दर्ज कत्ल के मामलों के एक आंकड़े के मुताबिक 2022 में देशभर में पत्नी के हाथों पति के 220 कत्ल के मामले सामने आए थे. इसी दौरान पति के हाथों पत्नी के कत्ल के 270 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. कुल मिलाकर जो कुछ हो रहा है वो बेहद चिंता जगाने वाला है. इस पर समाजशास्त्रियों ने गंभीर विचार कर कोई हल खोजना चाहिए.

 

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