पहले पुराने फ्लैट तो बेच लो, फिर नए बनाना..!

आईडीए के 12 सौ से ज्यादा फ्लैट खा रहे है धूल

फिर बना लिया नई हाईराइज का प्रस्ताव

इंदौर: आईडीए ने शहर में एक और बहुमंजिला इमारत बनाने का प्रस्ताव किया है. इस बहुमंजिला इमारत को बनाने के लिए फिलहाल 120 करोड़ की राशि स्वीकृत की है. यह बात अलग है कि इमारत बनने के दौरान यह डेढ़ सौ करोड़ भी हो जाएं. सवाल उठता है कि आईडीए के पास अभी 12 सौ फ्लैट तैयार पड़े है, वो तो बिक नहीं रहे है और नई बहुमंजिला का प्रस्ताव ले आए?आईडीए ने पिछली 16 अगस्त को बोर्ड बैठक में योजना 136 के सीएमआर- 4 नंबर प्लॉट पर 20 मंजिला इमारत बनाने का प्रस्ताव पास किया है. उक्त प्लॉट एक लाख वर्गफुट से ज्यादा बड़ा है और आईडीए द्वारा बनाई तीन बहुमंजिला इमारतों के पास स्थित है. नई बहुमंजिला इमारत के लिए भारी भरकम 120 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है. यह राशि बिल्डिंग बनाने के दौरान परोक्ष रूप से बढ़ना भी तय है.

अब मुद्दे की बात यह है कि जिस योजना 136 के प्लॉट पर नई बहुमंजिला इमारत बनाएं जाने का प्रस्ताव किया गया है. उस प्लॉट के पास आईडीए की तीन बहुमंजिला इमारतें बनकर खड़ी है. उक्त तीनों इमारतों के नाम गुलमोहर , अमलतास और हर श्रृंगार है. नौ मंजिला हरश्रृंगार बिल्डिंग में दो और तीन बेड रूम के 216, गुलमोहर और अमलतास बिल्डिंग सात मंजिला बनाई गई है और उक्त दोनों बिल्डिंग में एक बेड रूम वाले 516 और 675 फ्लैट है. उक्त तीनों बिल्डिंग के 15 प्रतिशत फ्लैट भी नहीं बिके है. पिछले तीन साल से ज्यादा समय से तीनों बिल्डिंग के फ्लैट धूल खा रहे हैं. यही नहीं बिल्डिंगों के रख रखाव पर आईडीए को हर साल चालीस लाख रुपए से ज्यादा मेंटेनेंस का खर्च लग रहा है.

बोर्ड बैठक में क्या.
अधिकारियों को पता नहीं है कि जिस प्लॉट पर नई हाईराइज बनाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है. ठीक उसी के पास एक हजार से ज्यादा बने फ्लैट बिक नहीं रहे है और धूल खा रहे है. उनके रख रखाव पर भारी खर्च हो रहा है. उसके बावजूद नई बिल्डिंग का प्रस्ताव लाना समझ से परे है. सबसे बड़ी बात यह है कि उक्त तीनों इमारतों को बनाने में भी आईडीए को करीब दो सौ करोड़ खर्च आया है.

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