मध्य प्रदेश में विकास की जद्दोजहद

किसी भी सरकार का एक वर्ष बहुत बड़ी अवधि नहीं मानी जा सकती. लेकिन एक वर्ष में ही मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने न केवल अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप से सामने रखी बल्कि उन पर अमल भी किया है. बेशक प्रदेश को अभी बहुत आगे जाना है, कई समस्याओं का समाधान किया जाना है लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं कि मुख्यमंत्री के भीतर प्रदेश के विकास के प्रति ललक है.आने वाले 4 वर्षों का स्पष्ट रोड मैप उनके पास है. वो बाकायदा कार्य योजना कर बनाकर पूंजी निवेश बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.इसमें उनका नवाचार भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है. खास बात यह है कि इसमें इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि उस जिले की विशेषता क्या है ? जैसे कटनी जैसे महाकौशल और विंध्य के कुछ जिलों में खनिज की बहुतायत है ? कुछ जिलों में फूड प्रोसेसिंग इकाइयां प्रोग्रेस कर सकती हैं, तो कुछ क्षेत्रों मिलेट्स इत्यादि पर आधारित उद्योग स्थापित किया जा सकते हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री यह भी नवाचार कर रहे हैं कि अलग-अलग शहरों में जाकर उद्योगपतियों को निमंत्रित कर रहे हैं.प्रदेश में धार्मिक और इको टूरिज्म कोई इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने और एग्रो इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की भी कोशिशें की जा रही हैं.मुख्यमंत्री के प्रयास रंग दिखाने लगे हैं.अगले वर्ष प्रदेश का बजट इस बार की अपेक्षा 30 $फीसदी तक बढ़ सकता है.मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ मोहन यादव ने कई ऐसे नवाचार किए, जिनसे प्रदेश की विकास प्रक्रिया में नई दिशा मिली है.पुलिस बैंड से लेकर एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाओं का आरंभ प्रदेशवासियों के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है. इसके साथ ही, कई लंबित परियोजनाओं को गति दी गई है, जिनमें काली सिंध चंबल लिंक परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना प्रमुख हैं.

काली सिंध चंबल लिंक परियोजना, जो वर्षों से अटकी हुई थी, अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आगे बढ़ी है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच इस परियोजना को लेकर एक समझौता हुआ है, जिससे 10 जिलों को फायदा होगा.इससे 19 लाख 25 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ेगी. इसके अलावा, केन-बेतवा लिंक परियोजना को भी अब तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. 44 हजार करोड़ की परियोजना से 10 जिलों के 1900 ग्रांव में 8 लाख 11 हजार हेक्टयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.

मुख्यमंत्री सुशासन के प्रति कितने गंभीर हैं, यह इस बात से जाहिर कि उन्होंने मुख्य सचिव अनुराग जैन पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना जैसे कार्य कुशल ईमानदार और टारगेट अचीवर अधिकारियों को महत्वपूर्ण स्थानों पर पोस्टिंग दी है.इस एक साल में उन्होंने प्रशासनिक ढांचे में कई अहम बदलाव किए हैं, जिनसे उनके शासन के इरादे और प्राथमिकताएं स्पष्ट हो गई हैं.मुख्यमंत्री मोहन यादव की सबसे बड़ी प्राथमिकता प्रशासन में कड़ी मेहनत और कार्यकुशलता है. वे केवल उन अधिकारियों को तवज्जो देते हैं, जो काम में दक्ष, निष्पक्ष और समय पर काम करने में सक्षम हैं. जाहिर है मुख्यमंत्री प्रदेश को आर्थिक विकास के नए पंख लगना चाहते हैं. यह काम बहुत आसान नहीं है. इसलिए इस दिशा में बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है. खास तौर पर टूरिज्म को लेकर बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है.इको टूरिज्म प्रदेश की खास विशेषता है. इस पर और अधिक फोकस की जरूरत है. प्रदेश की कानून और व्यवस्था सुधारने और बेरोजगारी दूर करने के मामले में भी काफी काम करने की जरूरत है.

 

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