० मामला जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के ग्राम पंचायत ममदर में भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से सचिव और रोजगार सहायक ने बिना कोरम पूर्ति कर ली गई ग्राम सभा का
नवभारत न्यूज
सीधी/रामपुर नैकिन 9 अक्टूबर। जिले की जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के ग्राम पंचायत ममदर में भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से सचिव और रोजगार सहायक द्वारा बिना कोरम पूर्ति के औपचारिकता में की गई ग्राम सभा निरस्त होगी? यह सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि एक और जहां ग्राम पंचायत के सरपंच इस बात को स्वीकार रहे हैं कि ग्राम सभा में निर्धारित सदस्य संख्या कम होने के कारण कोरम पूर्ति के अभाव में इस ग्राम सभा को निरस्त मानकर पुन: ग्राम सभा होगी तो दूसरी तरफ सचिव का दावा है कि ग्राम सभा कोरम पूर्ति के साथ हुई है।
यहां बताते चलें कि पंचायती राज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई जिसके माध्यम से सरकार लगभग सम्पूर्ण जनता से जुड़ी हुई योजनाओं का क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के माध्यम से होती है। उसी क्रम में ग्राम सभा भी पंचायत का वो अधिकार प्राप्त सदन होता है जिसके माध्यम से उस पंचायत के विकास संबंधी आम व्यक्ति भी प्रस्ताव दे सकता है और सदन में उपस्थित जन उसमे सहमति देकर उसे अंतिम रुप देते हैं। शासन स्तर पर ग्राम सभा को लेकर बड़ी तैयारी की जाती है। नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाते है। बकायदा ग्राम सभा बैठक की सूचना डुगडुगी बजा कर, लाऊडस्पीकर से और ग्राम पंचायत कार्यालय के सूचना पट्ट पर नोटिस चिपकाकर या अन्य माध्यमों से आम जनता को दिया जाने का प्रावधान है।
परन्तु जनपद पंचायत रामपुर नैकिन अंतर्गत ग्राम पंचायत ममदर के ग्रामवासियों एवं समाजसेवियों का आरोप है कि पंचायत के भ्रष्टाचार की पोल ना खुल जाये इसलिए गत 4 अक्टूबर को ग्राम पंचायत ममदर के सचिव प्रमोद तिवारी रोजगार सहायक वेदप्रकाश अग्रिहोत्री एवं सरपंच अनीश कारपेंटर द्वारा इस महत्वपूर्ण मामले को गुपचुप तरीके से करने के हिसाब से आमजनों को सूचना देना, डुग्गी मुनादी करवाना तो दूर की बात थी ग्राम पंचायत के निर्वाचित पंचों तक को सूचना देना उचित नहीं समझे और न ही ग्राम सभा के एजेंडे को पंचों तक पहुंचाया गया। महज औपचारिकता में सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, नोडल अधिकारी, जनपद सदस्य एवं 1-2 पंचायत पंच को बैठाकर ग्राम सभा की गई जो नियमानुसार कोरम के अनुरूप नही थी।
००
ग्राम सभा के नियम पर एक नजर
ग्राम सभा की बैठक का कोरम कुल सदस्यों की संख्या के बीसवें भाग 5 प्रतिशत की उपस्थिति से पूरा होने का प्रावधान है। अगर कोरम के अभाव में बैठक स्थगित हो जाती है तो उसके बाद की बैठक बुलाने पर कुल सदस्यों की संख्या के चालीसवे भाग यानि 2.5 प्रतिशत की उपस्थिति से कोरम पूरा होने का प्रावधान है।
००
कोरम पूर्ति के अभाव में पुन: होगी ग्राम सभा: अनीश
ग्राम पंचायत ममदर सरपंच अनीश कारपेंटर ने नवभारत से चर्चा करते कहा कि 4 अक्टूबर को पंचायत की आयोजित ग्राम सभा में 20-25 लोग ही आ पाये थे जिसके कारण ग्राम सभा की कोरम पूर्ति नही हो पाई है। इसलिए कोरम पूर्ति के अभाव में पुन: ग्राम सभा कराई जाएगी।
००
इनका कहना है
ये मामला मेरी जानकारी में भी आया है। ममदर मेरी गृह ग्राम की पंचायत है, इस तरह के मामलों से अंदर से दुख होता है कि जो कर्मचारी एवं चुने हुए प्रतिनिधि हैं उनको पारदर्शिता रखने में आखिर क्या समस्या होती है। गृह ग्राम होने के कारण कुछ व्यवहारिक दिक्कतें भी सामने आती हैं। मेरा स्वास्थ अभी ठीक नहीं है लेकिन जल्द ही जिम्मेदार अधिकारियों एवं जि़ला कलेक्टर से भेंटकर इस विषय पर बात करूंगा।
ज्ञानेन्द्र अग्निहोत्री, विधायक प्रतिनिधि, जनपद पंचायत रामपुर नैकिन
मेरे ग्राम पंचायत में ये पहली बार नहीं हुआ है हमेशा ही खानापूर्ति का हाल रहता है। मेरे पिता खुद ग्राम पंचायत में पंच हैं उनको एजेण्डे तक की कोई सूचना नहीं दी गई। सचिव और रोजगार सहायक को डर था कि पंचायत में किए गए घटिया निर्माण कार्यों सहित अन्य जन हितैषी मामले ग्राम सभा में उठ सकते हैं। इसलिए चुपचाप तरीके से ग्राम सभा की गई।
सतीश चर्तुवेदी, भूतपूर्व सैनिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता
ग्राम पंचायत ममदर की ग्राम सभा पूरे नियम के साथ कोरम पूर्ति के अनुरुप पर्याप्त सदस्य संख्या की उपस्थिति में की गई है। ग्राम सभा को लेकर की जा रही शिकायतें और आरोप निराधार एवं झूठे हैं।
प्रमोद तिवारी, सचिव ग्राम पंचायत ममदर
०००००००००००