पन्ना :जिले में लगातार दो दिन से हो रही मूसलाधार वारिष से नदी, नाले उफान पर है, पूरा जिला जल मग्न है, गुनौर, पवई, शाहनगर, अमानगंज, सिमरिया, देवेन्द्र नगर, रैपुरा तहसील के विभिन्न नदी तथा नालो के उपर से पानी जा रहा है। तथा अनेक प्रमुख मार्गाे के रिपटो एवं नालो के उपर से पानी जाने के चलते आवा गवन बंद हो गया है। सिमरिया से अमानगंज, पन्ना मार्ग भी कुछ देर के लिए बंद रहा तथा वाहन नहीं निकले, जिससे रोड़ पर भारी जाम लगा रहा। सिमरिया के पास निवारी रिपटा, पिपरवाह के पास नाला का रिपटा के उपर से पानी का तेज बहाव होने के कारण घंटो वाहन रूके रहें। इसी प्रकार मोहन्द्रा से पवई, तथा सलेहा मार्ग भी बंद रहा। कटनी पन्ना मुख्य मार्ग चमरहा नाला एवं दमोह सतना मार्ग के कलेही पुल के ऊपर पानी आ जाने से प्रशासन द्वारा मार्ग को बेरिकेट लगाकर अवरोध कर दिया गया है।
पवई क्षेत्र मे तहसीलदार प्रीति पंथी एवं थाना प्रभारी त्रिवेंद्र त्रिवेदी द्वारा लोगों को समझाइश देकर शेल्टर होम (मंगलभवन) भिजवाया वही चमरहा नाला के पास घर मे फसे लोगों का थाना प्रभारी त्रिवेदी द्वारा ट्यूब की बोट बनवाकर रेस्क्यू करा शेल्टर होम भेजा। सुबह से ही नदी नाले उफान पर रहे जिससे यात्री बसों सहित ट्रक व अन्य बाहनों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई है ,साथ ही प्रशासन द्वारा नदी नालों के किनारे बसे ग्रामों में भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुनादी करते हुए रुकने की व्यवस्था की जा रही है। वारिस अभी भी जारी है। पूरे जिले मे रेड एलर्ट घोषित किया गया है। नदी नालो के पास लोग न जाये क्षेत्रीय थानो के प्रभारी एवं तहसीलदारो के द्वारा भी बाढ प्रभावित क्षेत्रो का भ्रमण करते हुए लोगो को समझाईश दी जा रही है। अमानगंज सिमरिया मार्ग पर केन नदी के तिघरा पुल पर भी शांयकाल पानी उपर से बहने लगा है।
इसी प्रकार अमानगंज मिडासन नदी मे तीन फिट नीचे से पानी जा रहा है। आस पास के क्षेत्रो मे भारी जल प्रभाव देखा जा रहा है। लगातार वारिश से अनेक गांव में लोगो के कच्चे मकान भी धराशाई हो गये है तथा गांव मे ग्राम पंचायतो द्वारा गांव मे नालिया न बनाये जाने के कारण लोगो के घरो मे पानी घुस रहा है। जिससे घर ग्रहस्थी का समान भी बर्बाद हो रहा है। अभी भी लगातार रूक रूक कर वारिष जारी है। यदि इसी प्रकार वारिष होती रही तो वर्ष 2005 के हालात बन सकते है। जिले के अनेक पुल भी खस्ता हाल मे पंहुच गये है, क्योकि वह बहुत पुराने हो चुके है। एवं उक्त पुलो की मरम्मत भी नही हुई है। जैसे तिघरा पुल सन 1980 मे बना था। मडला के पास केन नदी का पुल 1956 में बनाया गया था। इसी प्रकार अमानगंज स्थित मिडासन नदी के पुल की हालत भी अच्छी नही है। प्रशासन द्वारा तथा सरकार द्वारा समय रहते इन बातो पर ध्यान नही दिया जाता है। जिससे ऐसे समय में आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पडता है।