उज्जैन ऑरेंज अलर्ट पर, सीएम ने दिए बारिश के लिए दिशा निर्देश
उज्जैन: प्रदेश भर के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है कई जगह जनजीवन भारी बारिश से प्रभावित हो गया है यहां तक की भोपाल से लेकर कई अन्य जिलों में तो स्कूलों की छुट्टियां करना पड़ रही है, जितने भी डेम है उनके गेट खोलना पड़ रहे हैं, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह नगर में सावन की धूम मची हुई है देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां बाबा महाकाल के दर्शन व क्षिप्रा स्नान के लिए आ रहे हैं । उज्जैन में बाढ़ की बजाय किस्तों में हो रही बारिश से समस्याएं आ रही है।इधर सीएम डॉ मोहन यादव ने बारिश के मद्देनजर अलर्ट रहने के तो निर्देश दिए ही हैं बावजूद उज्जैन में उतनी बारिश नहीं हो पा रही है जितनी दरकार है। हरियाली अमावस्या को जरूर रविवार को दिनभर बरसात हुई बावजूद इसके फ्लोर में बरसात नहीं होने से बड़ी राहत नहीं मिल पाई है।
उज्जैन ऑरेंज अलर्ट पर
एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव आज सोमवार को उज्जैन आ रहे हैं ऐसे में यहां का प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इधर मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कुछ इलाकों में बारिश के साथ बिजली भी गिर सकती है। देवास, उज्जैन को ऑरेंज अलर्ट पर रखा है।बारिश की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
उज्जैन मे छुटपुट बारिश
महाकाल की नगरी उज्जैन में सावन की सवारियां निकल रही है सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव स्वयं शामिल होने आ रहे हैं यहां पर 1500 डमरू बजाने का रिकॉर्ड बनाए जाने की तैयारी की गई है, इसी बीच रिमझिम बरसात ने आम जन जीवन अस्त व्यस्त कर रखा है। यदि तेज बारिश होती है तो बाढ़ आती है, उससे जनता रोमांचित होती है, गंभीर डेम से लेकर क्षिप्रा भी लबालब हो जाती है, जो किस्तों में बारिश रुक-रुक कर हो रही है, उससे कीचड़ और नालियां उफान पर आ गई है। सड़कों पर चलना दूभर बार हो रहा है ।बिजली आंख मिचोली खेल रही है। पिछले दो माह से उज्जैन को तेज बारिश कि आस है।ना बारिश पूरी तरह से थम रही है ना तेज बरसात हो रही है ।ऐसे में दिहाड़ी मजदूर व कामकाजी लोगों का भी काम प्रभावित हो रहा है। उज्जैन में सैलानी और दर्शनार्थियों को भी परेशानी हो रही हैं ।
27 जून को आई थी पहली बरसात
उज्जैन में 27 जून को पहली बार शाम के वक्त बादल बरसे थे, उसके बाद इन 40 दिनों में लगभग चार या पांच बार ऐसी बारिश हुई है जो उज्जैन वासियो को राहत पहुंचाते हुए दिखाई दी। बाकी दिनों में हल्की-फुल्की बारिश ही हुई है, ना तो शिप्रा नदी की छोटी रपट लबालब हो पाई ना ही बड़े पुल पर पानी आ पाया। गंभीर डेम की स्थिति तो और भी बततर है ।अब तक 300 एमसीएफटी जल स्तर ही बढ़ पाया है ,जबकि अभी 1700 एमसीएफटी पानी की गंभीर डेम को दरकार है। ऐसे में जब गंभीर डेम का ही कण्ठं प्यासा है तो माना जा सकता है कि, यदि तेज बारिश नहीं हुई तो उज्जैन वासियो की स्थिति भीषण गर्मी में कैसी होगी।