ग्वालियर: मध्य भारती हिंदी साहित्य सभा ग्वालियर के तत्वावधान में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर के साहित्यकार एवं प्रेमचंद सृजन पीठ उज्जैन के पूर्व निदेशक जगदीश तोमर ने की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि साहित्यकार आशा पांडेय उपस्थिति रही। इस अवसर पर शायद सभा के अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव भी मंचासीन रहे।
मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में शहर की उपन्यासकार एवं बाल साहित्यकार सीमा जैन भारत का सभा द्वारा सम्मान किया गया एवं कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव का सानिध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संयोजन डॉ करुणा सक्सेना एवं सहसंयोजन डॉ वंदना सेन व डॉ ज्योत्सना सिंह ने किया। युवा वक्ता के रूप में जान्हवी नायक एवं पलक सिकरवार ने मुंशी प्रेमचंद की कहानी एवं नाटक पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर जगदीश तोमर ने मुंशी प्रेमचंद को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नई पीढ़ी को लेखन कौशल पर दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुंशी प्रेमचंद अपने साहित्य के माध्यम से न केवल समाज की विसंगतियां को उजागर करते रहे बल्कि एक सकारात्मक सुधार की ओर भी सभी को निर्देशित करते रहे।
मुख्य अतिथि श्रीमती आशा पांडे ने भी मुंशी प्रेमचंद की दो बैल की कथा, पूस की रात, बूढ़ी काकी जैसी विभिन्न कथाओं का उल्लेख करते हुए उनके नैतिक संदेश को सभा भवन में उपस्थित नई पीढ़ी से साझा किया। सीमा जैन भारत ने भी मुंशी प्रेमचंद को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए साहित्य सभा को आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि साहित्य सभा सदैव ही साहित्यकारों को सम्मानित करते हुए लेखन की ओर प्रोत्साहित एवं प्रेरित करती है।
इस अवसर पर पुष्पा सिसोदिया, प्रकाश मिश्रा, धीरज शर्मा, उपेंद्र कस्तूरे, सुधीर चतुर्वेदी, सुखदेव मखीजा, राज किशोर बाजपेई, लोकेश तिवारी, अर्जुन कुशवाह, आकाश शर्मा, मनोरमा जैन सहित ग्वालियर शहर के अनेक साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।