नयी दिल्ली, (वार्ता) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में भारत का चालू खाते का घाटा एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में कम हो कर 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.2 प्रतिशत रहा ।
पिछली तिमाही के साथ-साथ पिछले वर्ष की समान तिमाही।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का चालू खाते का घाटा तीसरी तिमाही में 10.5 अरब डॉलर रहा।
यह पिछली तिमाही के 11.4 अरब डॉलर और 2022-23 की तीसरी तिमाही के16.8 अरब डॉलर से था।
रिपोर्ट के अनुसार तीसरी तिमाही में वस्तु व्यापार के क्षेत्र में व्यापार घाटा (निर्यात की तुलना में आयात की अधिकता) 71.6 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की तीसरी तिमाही से थोड़ा अधिक है।
लेकिन सेवा निर्यात में वृद्धि और व्यापार में शुद्ध प्राप्ति बढ़ने से चालू खाते के घाटे में कमी रही।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आलोच्य अवधि में सॉफ्टवेयर, व्यापार और यात्रा सेवाओं के बढ़ते निर्यात में साल-दर-साल 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से देश में 4.2 डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही से अधिक है।
आरबीआई के आंकड़ों में कहा गया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के मद में 12.0 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह देखा गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है।
भारत में बाहरी वाणिज्यिक उधारी के मद में 2.6 अरब डॉलर का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया गया और अनिवासी जमा में पिछले वर्ष की तुलना में 3.9 अरब डॉलर की शुद्ध आवक दर्ज की गयी।
2023-24 की तीसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी के आधार पर) में 6.0 अरब डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसमें 11.1 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी।