पीएम-वाणी योजना के लिए दूरसंचार टैरिफ मसौदा संशोधन पर टिप्पणी आमंत्रित

नयी दिल्ली (वार्ता) भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज ‘पीएम-वाणी (डब्ल्यूएएनआई) योजना के लिए नियामकीय ढांचे’ पर दूरसंचार टैरिफ (70वां संशोधन) आदेश, 2024 का मसौदा जारी किया जिसमें कहा गया है कि पीएम-वाणी योजना के प्रसार में तेजी लाने के लिए पीडीओ को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की लागत को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है।

ट्राई ने आज जारी मसौदे पर हितधारकों से छह सितंबर 2024 तक अपनी टिप्पणी देने की अपील की है। ट्राई ने मसौदे में प्रस्ताव किया है कि0पीएम-वाणी योजना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, पीएम-वाणी योजना के तहत सार्वजनिक डेटा कार्यालय के लिए टैरिफ वही होगा जो खुदरा ब्रॉडबैंड (एफटीटीएच) कनेक्शन के लिए लागू है।

‘कनेक्ट इंडिया’ मिशन के तहत राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 ने एक मजबूत डिजिटल संचार बुनियादी ढांचे के निर्माण के उद्देश्य से वर्ष 2022 तक 1 करोड़ सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए जाने के लिए सक्षम बनने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके अलावा, भारत 6जी विजन के तहत डिजिटल इंडिया 2030 मोबाइल और ब्रॉडबैंड नीति उद्देश्यों के लिए 2022 तक 1 करोड़ और 2030 तक 5 करोड़ सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। हालांकि, वर्तमान में पीएम-वाणी हॉटस्पॉट का आंकड़ा एनडीसीपी, 2018 दस्तावेज और भारत 6जी विजन दस्तावेज़ में परिकल्पित लक्षित आंकड़े से बहुत पीछे है।

नवंबर 2022 में दूरसंचार विभाग (डॉट) ने ट्राई को भेजे अपने संदेश में कहा कि पीएम-वाणी योजना का प्रसार काफी सीमित है और लक्ष्य से काफी कम है, क्योंकि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (आईएसपी) द्वारा पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) से बैकहॉल इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए बहुत ज्यादा शुल्क लिया जाता है। इसके अलावा, डॉट ने कहा कि वाणिज्यिक समझौतों के नाम पर, टीएसपी/आईएसपी अक्सर पीडीओ पर नियमित फाइबर-टू-द-होम (एफटीटीएच) ब्रॉडबैंड कनेक्शन के बजाय महंगी इंटरनेट लीज्ड लाइन्स (आईएलएसल) का इस्तेमाल करके सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस पॉइंट्स को जोड़ने का दबाव डालते हैं।

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