
भोपाल। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने गुरुवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन ने एनआरआई नर्सिंग कॉलेज भोपाल और उसके अनुबंधित अरनव अस्पताल में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि निरीक्षण टीम ने जिम्मेदारों को बचाने के लिए फर्जी और भ्रामक रिपोर्ट तैयार की है।
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि यह मामला छात्रों के भविष्य, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जनहित से जुड़ा गंभीर मुद्दा है, जिसमें तत्काल सख्त कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 26 अगस्त को शिकायत दर्ज होने के बावजूद नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने कॉलेज को मान्यता जारी रखी।
परमार ने कहा कि 10 अक्टूबर को भेजी गई विस्तृत शिकायत के आधार पर CMHO को निरीक्षण के निर्देश दिए गए थे, लेकिन CMHO मनीष शर्मा ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। 17 अक्टूबर को डॉ. रितेश रावत और डॉ. अभिषेक सेन द्वारा किए गए निरीक्षण में अस्पताल को 100 बेड का पूर्ण रूप से संचालित बताने वाली रिपोर्ट स्पष्ट रूप से भ्रामक पाई गई।
एनएसयूआई नेताओं ने दावा किया कि अरनव अस्पताल में सूचीबद्ध लगभग 60% नर्सिंग स्टाफ फर्जी है। कई सरकारी अस्पतालों के नर्सिंग स्टाफ को बिना जानकारी के यहां कार्यरत दिखाया गया। 8 दिसंबर को कई स्टाफ नर्सों ने लिखित रूप में बताया कि उनके रजिस्ट्रेशन का वर्षों से अवैध उपयोग किया जा रहा है।
एनएसयूआई ने निरीक्षण टीम के निलंबन, उच्च स्तरीय जांच समिति गठन, कॉलेज अस्पताल संचालकों व अधिकारियों पर FIR, निरीक्षण दिवस की CCTV फुटेज जब्ती और स्टाफ रजिस्टर के ऑडिट की मांग की। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा। प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
