बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे लैंड डील मामले में महाराष्ट्र सरकार पर उठाए सवाल

मुंबई, (वार्ता) बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़े पुणे लैंड डील मामले में राज्य सरकार पर सवाल उठाए ।

न्यायमूर्ति जस्टिस माधव जामदार की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिजनेसमैन शीतल तेजवानी की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सवाल किया कि प्राथमिकी में पार्थ पवार का नाम क्यों नहीं है। पीठ ने सवाल किया , “क्या पुलिस उप मुख्यमंत्री के बेटे को बचा रही है और सिर्फ दूसरों की जांच कर रही है?”

पब्लिक प्रॉसिक्यूटर मनकुंवर देशमुख ने जवाब दिया कि पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है और कानून के अनुसार जरुरी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने तेजवानी की याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि उसने पहले ही सत्र न्यायालय में इसी तरह की याचिका दायर की थी और इसलिए उच्च न्यायालय से इसी तरह की राहत मांगना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

न्यायमूर्ति जामदार के याचिका पर विचार करने से इनकार किए जाने के बाद तेजवानी ने याचिका वापस ले ली।

अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी के रूप में काम करने और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले तेजवानी ने बावधान पुलिस थाने में गत नवंबर में अपने खिलाफ दर्ज दूसरी प्राथमिकी में अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय का रुख किया था। तेजवानी की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव चव्हाण ने दावा किया कि लैंड डील एक वास्तविक पंजीकृत बिक्री लेनदेन था।

इससे पहले तेजवानी को मुंडवा लैंड डील में अनियमितताओं के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के आघार पर गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच ईओडब्ल्यू रही है।

 

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