
भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में किसानों ने सबसे कठिन दौर झेला है, लेकिन सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित रही। उन्होंने कहा कि खेती की लागत बढ़ने, फसल के दाम गिरने और लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण हजारों किसान गंभीर आर्थिक संकट में फँस गए हैं, फिर भी उन्हें वास्तविक राहत नहीं मिल पाई है।
पटवारी ने कहा कि सरकार दावा करती है कि एक लाख रुपये प्रति बीघा कमाने वाले किसान को पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि हकीकत यह है कि किसान अपनी फसल बचाने के लिए कर्ज लेने पर मजबूर हैं। उन्होंने सरकार द्वारा 50 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन देने वाले नए गेहूं बीज के दावे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि न तो किसी किसान को बताया गया कि यह बीज उपलब्ध कहाँ है, न यह कि किस कृषि संस्थान ने इसे प्रमाणित किया, और न ही किस जिले में इसका परीक्षण हुआ। इसके उलट इस वर्ष सोयाबीन की हालत इतनी खराब रही कि कई किसानों को प्रति एकड़ पाँच क्विंटल से भी कम उत्पादन मिला। बड़े पैमाने पर नुकसान के बावजूद बीमा कंपनियों ने मुआवज़ा रोक दिया और सरकार केवल समीक्षा बैठकें करती रही।
पटवारी ने कहा कि गंभीर बिजली कटौती ने सिंचाई व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसान रात भर मोटर चलने का इंतजार करते रह जाते हैं। नहरें सूखी हैं, ट्यूबवेलों में बिजली नहीं और खराब ट्रांसफार्मरों की मरम्मत समय पर नहीं होने से रबी सीजन पर भारी असर पड़ा है। उधर खाद और डीजल की बढ़ती कीमतों तथा मंडियों में कम समर्थन मूल्य ने किसानों की परेशानियाँ और बढ़ा दी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि बारिश, ओलावृष्टि, कीट और बीमारियों से जिन किसानों की फसलें नष्ट हुईं, वे दो साल से मुआवज़े का इंतजार कर रहे हैं। विधानसभा में सरकार ने खुद स्वीकार किया कि उसके पास राहत बांटने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। पटवारी ने कहा, “किसान को पाँच हजार भी मुश्किल से मिलता है जिससे यह प्रतीत होता है कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता किसान नहीं, विलासिता है।”
पटवारी ने कहा कि सरकार एक वर्ष को ‘औद्योगिक वर्ष’ और दूसरे को ‘कृषि वर्ष’ घोषित करती है, लेकिन किसानों को जमीनी बदलाव कहीं दिखाई नहीं देता—न बिजली, न पानी, न बीज, न बीमा और न ही उचित कीमत। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर किसान के साथ खड़ी है और गांव-गांव जाकर भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करेगी। जरूरत पड़ी तो विधानसभा से लेकर पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा।
