कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल ने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ पर्यावरणीय और सामाजिक जिम्मेदारी का नया मानक स्थापित किया: यह अस्पताल ‘हेल्थकेयर सस्टेनेबिलिटी’ के लिए ज्वाइंट कमीशन इंटरनेशनल (JCI) द्वारा विशेष मान्यता प्राप्त करने वाला भारत का पहला और विश्व का पांचवां अस्पताल बन गया है
~ इस सर्टिफिकेशन ने यह स्थापित कर दिया है कि मुंबई का यह अस्पताल न केवल सामान्य संचालन में मजबूत और लचीला है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित जोखिमों के प्रबंधन के लिए भी विश्व स्तर के मानकों का पालन करता है, जिससे वह इस क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान बन गया है। ~
मुंबई, नवंबर 2025: कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट ने घोषणा की है कि उनके मुंबई के अस्पताल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित जॉइंट कमीशन इंटरनेशनल (JCI) ने इंटरनेशनल हॉस्पिटल फेडरेशन के जिनेवा सस्टेनेबिलिटी सेंटर के साथ साझेदारी में “हेल्थकेयर सस्टेनेबिलिटी प्रोग्राम” के लिए ‘सर्टिफिकेट ऑफ डिस्टिंक्शन’ से सम्मानित किया है। यह प्रतिष्ठित और बहुत ही मूल्यवान सम्मान प्राप्त करके, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल इस कठोर वैश्विक मानक को पूरा करने वाला भारत का पहला और विश्व का पांचवां अस्पताल बन गया है। यह उपलब्धि अस्पताल की स्थिरता पहलों और पर्यावरण-अनुकूल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
स्वास्थ्य सेवा दुनिया में सबसे ज़्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले पहले 5 उद्योगों में से एक है। आज के दौर में वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियाँ परिचालन जोखिम को कम करने और जलवायु-संबंधी व्यवधानों के खिलाफ लचीलापन मज़बूत करने के प्रयासों को तेज कर रही हैं। ऐसे में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल को मिला यह सर्टिफिकेशन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस तरह के विश्व स्तरीय अस्पताल से की जाने वाली अपेक्षाओं के अनुरूप है। इन अपेक्षाओं में टास्क फोर्स ऑन क्लाइमेट-रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोजर और इंटरनेशनल सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड्स बोर्ड जैसे ढाँचों के तहत स्वास्थ्य सेवा संगठनों द्वारा जलवायु-जोखिम खुलासे पर बढ़ता ध्यान शामिल है। कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल की यह उपलब्धि दर्शाती है कि अस्पताल न केवल चिकित्सा सेवा में बल्कि स्थिरता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के वैश्विक मानकों को पूरा करने में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कार्यकारी निदेशक, डॉ. संतोष शेट्टी ने वित्तीय और रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला, “यह सर्टिफिकेशन हमारे मूल विश्वास को दर्शाता है कि स्थिरता बेहतर क्लिनिकल परिणामों और मज़बूत संचालन प्रदर्शन दोनों को संभव बनाती है। हमारा 2030 सस्टेनेबिलिटी रोडमैप (कार्ययोजना) ऊर्जा दक्षता, जल प्रबंधन, कम उत्सर्जन के लिए काम आने वाली सामग्रियों और जलवायु-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर केंद्रित है। ये निवेश लंबी अवधि के लागत दबावों को कम करने, मरीज़ की सुरक्षा में सुधार करने और बढ़ते जलवायु अस्थिरता का सामना कर रहे शहर में व्यावसायिक निरंतरता को मज़बूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।”
जेसीआई-जीएससी कार्यक्रम विशेष रूप से उन अस्पतालों को मान्यता देता है जो बोर्ड स्तर पर पर्यावरणीय जोखिम प्रशासन को शामिल करते हैं और उत्सर्जन, कचरे, पानी की बचत और आपूर्ति-श्रृंखला की स्थिरता को उद्यम जोखिम प्रबंधन में एकीकृत करते हैं। यह मज़बूत आंतरिक नियंत्रणों और दूरदर्शी प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
भारत, एक तेज़ी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है जिस पर बुनियादी ढांचे का दबाव काफी ज़्यादा है। हमारे देश को जलवायु परिवर्तन की बढ़ती संवेदनशीलता का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल प्रणालियों पर तनाव बढ़ा रहा है। राष्ट्रीय कार्यक्रमों, जैसे कि राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (NPCCHH), द्वारा उत्सर्जन रिपोर्टिंग, चक्रीयता और आपदा तैयारियों के संबंध में अपेक्षाएं बढ़ाए जाने के कारण, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को अधिक मज़बूत जलवायु-लचीली प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जलवायु से संबंधित व्यवधानों की लागत का अनुमान 2050 तक दक्षिण एशिया में सालाना 36 अरब अमेरिकी डॉलर तक लगाया गया है, इसी की वजह से यह बदलाव अत्यावश्यक बन गए हैं। हालांकि कई भारतीय अस्पताल अभी भी नेतृत्व स्तर पर पर्यावरणीय शासन को एम्बेड करने के प्रारंभिक चरण में हैं, लेकिन कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल का वैश्विक ईएसजी ढांचे के साथ संरेखण एक निर्णायक कदम है। इसका जेसीआई सस्टेनेबिलिटी सर्टिफिकेशन वर्तमान राष्ट्रीय मानदंडों से परे परिपक्वता के एक स्तर को दर्शाता है, जो उत्सर्जन, कचरे, जल और आपूर्ति-श्रृंखला की स्थिरता को मुख्य जोखिम प्रबंधन में एकीकृत करता है। इस संदर्भ में, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एक क्षेत्रीय अग्रणी के रूप में उभरा है, जो यह प्रदर्शित करता है कि संसाधन कम होते हुए भी ज़िम्मेदार, भविष्य के लिए तैयार स्वास्थ्य सेवा प्राप्त की जा सकती है।
