
श्योपुर। राजस्थान के बारां जिले के रामगढ़ क्षेत्र में आज एक चीते का मूवमेंट देखा गया. चीते की सूचना मिलते ही रामगढ़ क्षेत्र के लोगों में हड़कंप मच गया. साथ ही रामगढ़ माताजी के दर्शन करने आए दर्शनार्थियों के बीच भी डर का माहौल रहा. पहले इसे देशी पैंथर माना जा रहा था. बाद में कूनो नेशनल पार्क से आई टीम ने इसकी पहचान अफ्रीकी चीते के रूप में की, जिसे केपी-2 बताया जा रहा है. कुछ समय पहले ही केपी-2 चीते ने इसी क्षेत्र में एक नीलगाय का शिकार किया था. दोनों राज्यों के वन विभाग की टीमें चीते को ट्रैक करने का प्रयास कर रही हैं. 50 किमी से अधिक दूरी तय कर आदिवासी क्षेत्र में आए इस शिकारी चीते को रामगढ़ क्रेटर की पहाड़ियों में देखा गया है.
जिला वन अधिकारी विवेकानंद मानिकराव ने बताया कि यहां से कूनो नेशनल पार्क की टीम को सूचित कर दिया गया था. कूनो की टीम वहां पहुंच गई थी. चीता पूरी तरह सुरक्षित है. कूनो नेशनल पार्क और बारां वन विभाग की टीम लगातार चीते को ट्रैंकुलाइज करने में जुटी हुई है. जल्द ही उसे ट्रैंकुलाइज कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा. श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकला यह चीता घूमते-घूमते बारां जिले के ग्रासलैंड युक्त जंगली क्षेत्र में पहुंच गया है.
कूनो नेशनल पार्क की टीम इस चीते की तलाश में जुटी हुई थी. इसकी लोकेशन मध्य प्रदेश से सटे राजस्थान के कोटा संभाग में बारां जिले के आदिवासी जंगल में मिली, जहां धार्मिक स्थल एवं भारत के पहले अधिसूचित क्रेटर के पास ग्रामीणों को नदी में पानी पीता हुआ चीता दिखाई दिया. दोनों राज्यों के वन विभाग की टीमें लगातार चीते को ट्रैक कर रही हैं और निगरानी जारी रखी हुई हैं.
