भोपाल। पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान पीएसएससीआईवीई भोपाल में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में छब्बीस नवंबर को दो चरणों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रथम चरण में सुबह ग्यारह बजे संस्थान परिसर में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन हुआ जिसका नेतृत्व संयुक्त निदेशक डॉ दीपक पालीवाल ने किया। इस अवसर पर अधिकारी संकाय सदस्य कर्मचारी और केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक भोपाल के प्रशिक्षणार्थी विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी ने न्याय स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व के संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
द्वितीय चरण में शाम साढ़े चार बजे सभागार में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें उच्च न्यायालय जबलपुर के पूर्व वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता प्रमोद सक्सेना ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। उन्होंने संविधान के ऐतिहासिक विकास उसकी विशेषताओं और प्रमुख संशोधनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार डॉ राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व और डॉ भीमराव अंबेडकर के विधिक ज्ञान से भारतीय संविधान को मजबूत आधार मिला। उन्होंने कहा कि लंबे राजनीतिक दमन के बावजूद भारत की सांस्कृतिक अस्मिता और सभ्यतागत चेतना कभी समाप्त नहीं हुई जो राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है।
उन्होंने मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं बल्कि नागरिक जीवन का नैतिक मार्गदर्शक है। पर्यावरण संरक्षण भवन निर्माण में विधिक अनुपालन और यातायात नियमों के उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने नागरिक जिम्मेदारियों को समझाया। व्याख्यान के अंत में उन्होंने संकाय और कर्मचारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान भी किया।
संयुक्त निदेशक डॉ दीपक पालीवाल ने कहा कि भारतीय संविधान अपनी समावेशी और प्रगतिशील संरचना के कारण विश्व के प्रमुख संविधानों में विशिष्ट स्थान रखता है। कार्यक्रम में संकाय सदस्यों अधिकारियों और कर्मचारियों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही। संविधान दिवस के इन कार्यक्रमों ने संस्थान में संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण और नागरिक उत्तरदायित्वों के प्रति जागरूकता को और मजबूत किया।
