
बैतूल। गरीबों के हक का राशन खाने वालों पर आखिरकार प्रशासन ने सख्ती दिखा दी है। जिले में पात्रता जांच के बाद करीब 2200 अपात्र लोगों के नाम राशन सूची से बाहर कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई सरकार की उस पहल का हिस्सा है जिसके तहत राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने और फर्जी कार्डधारकों को चिन्हित करने का अभियान चलाया जा रहा है।
नोटिस का जवाब न देने वालों के भी हटेंगे नाम
प्रशासन द्वारा समय-समय पर पात्रता सत्यापन और ई-KYC की प्रक्रिया कराई गई। जांच में जो लोग अपात्र पाए गए, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। अधिकारी बताते हैं कि जिन लोगों ने नोटिस का जवाब तक नहीं दिया, उनके नाम भी सूची से हटाए जा रहे हैं।
ई-KYC पूरा करने वालों को ही मिलेगा राशन
जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के अनुसार, शासन के निर्देशानुसार अब केवल वही परिवार राशन प्राप्त कर सकेंगे जिनकी ई-KYC प्रक्रिया पूर्ण है और वे पात्रता मानकों पर खरे उतरते हैं। अपात्र पाए जाने वाले परिवारों से सरकारी अनाज का वितरण तुरंत रोक दिया गया है।
जिले में 660 दुकानों से हर माह 3 लाख से अधिक लोग लेते हैं राशन
बैतूल जिले में कुल 660 उचित मूल्य दुकानें हैं, जिनके माध्यम से प्रतिमाह लगभग 12.53 लाख परिवारों के लिए राशन आवंटित होता है। जांच में पाया गया कि इनमें से सैकड़ों परिवार आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद अनुचित रूप से सरकारी राशन का लाभ ले रहे थे।
कुल 29 श्रेणियाँ ही हैं पात्रता की आधार
नवीन पात्रता सूची में जिन 29 श्रेणियों को शामिल किया गया है, उनमें अंत्योदय परिवार, बीपीएल, वन अधिकार पट्टाधारी, भूमिहीन मजदूर, शहरी घरेलू कामगार, रिक्शा/ठेला चालक, सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी, 40% से अधिक दिव्यांगजन, बुनकर, हम्माल, HIV संक्रमित, ट्रांसजेंडर, कुष्ठ रोगी, कोविड बाल कल्याण योजना से जुड़े लाभार्थी आदि शामिल हैं।
कठोर कार्रवाई का उद्देश्य, केवल जरूरतमंदों तक पहुंचे सरकारी अनाज
खाद्य विभाग का कहना है कि पात्रता सूची को शुद्ध करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार का अनुदानित राशन केवल वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिले और कोई भी आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति गरीबों के हिस्से का अनाज न ले सके।
