
भोपाल। मध्य प्रदेश में नवंबर की शुरुआत में ही सर्दी ने रिकॉर्ड तोड़ ठिठुरन ला दी है। राजधानी भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में तापमान इतना नीचे चला गया कि उन्होंने शिमला और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों को भी पीछे छोड़ दिया। मौसम विभाग ने प्रदेश के 18 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश में भी दिखाई देने लगा है। ठंडी उत्तरी हवाएं लगातार प्रदेश की ओर बह रही हैं, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है।
राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, नर्मदापुरम और शहडोल संभागों में तापमान सामान्य से औसतन 2.5 डिग्री सेल्सियस कम रहा। कल रात भोपाल में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस और इंदौर में 7.9 डिग्री दर्ज हुआ, जो शिमला के 8.4 और मसूरी के 8.6 डिग्री से भी कम रहा। शहडोल में पारा 7.2 डिग्री, राजगढ़ में 7.6, अमरकंटक में 8.4, उमरिया में 8.5, बैतूल में 9, मलाजखंड और रीवा में 9.1, नौगांव (छतरपुर) में 9.5 और छिंदवाड़ा में 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.2 से 7.1 डिग्री कम दर्ज किया गया है। राजधानी भोपाल में मंगलवार सुबह 8.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ, जो सीजन का अब तक का सबसे ठंडा दिन रहा। वर्तमान में मध्य प्रदेश का मौसम साफ है, लेकिन शाम ढलते ही ठंडक तेजी से बढ़ने लगती है। मौसम विभाग के ताज़ा पूर्वानुमान के मुताबिक, रात के समय तापमान 14 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहने की संभावना है, जबकि अगले दो से तीन दिनों तक सर्दी और बढ़ेगी।
राज्य के कई इलाकों में सुबह के समय कोहरा छाने और दृश्यता घटने की संभावना है। ठंडी हवाओं के कारण फसलों पर ओस की परत जमने की स्थिति बन रही है, ऐसे में किसानों को सिंचाई और फसल सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत बताई गई है।
प्रदेश में नवंबर के महीने में आमतौर पर इतनी सर्दी कम देखने को मिलती है, लेकिन इस बार तापमान ने मौसम विभाग के पिछले कई सालों के औसत रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लगातार गिरता पारा बता रहा है कि इस बार सर्दी का मौसम जल्द ही अपने चरम पर पहुंच सकता है।
