जबलपुर:सिहोरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत मझौली, पोड़ा , डुंगरिया और देवरी के इलाके में तेंदुओं की मूवमेंट ने किसानों व ग्रामीणों में दहशत व्याप्त कर दी है। अब ये तेंदुए की संख्या 3 बताई जा रही है जो कि इन इलाकों में देखे जा रहे हैं। वन विभाग की टीम ने मझौली के ग्राम डुंगरिया में अधिक मूवमेंट दिखने के बाद पिंजरा रख दिया है जिससे कि तेंदुआ इसमें फंस जाए, लेकिन अभी तक तेंदुआ इसमें नहीं फंसा है।
जानकारी के अनुसार ग्रामीणों द्वारा अपने-अपने घर में पले हुए मवेशियों को जंगल में घास चरने के लिए छोड़ दिया जाता है और ये सुबह से रात तक जंगली इलाके में ही रहते हैं। जबकि ग्रामीणों को अपने-अपने मवेशियों को घर में ही पालकर आसपास रखना चाहिए। ऐसे में तेंदुआ को आसानी से उसका शिकार हाथ लग जाता है और वह मवेशियों पर अटैक कर देता है।
उधर वन विभाग की टीम द्वारा मझौली, डुंगरिया व देवरी सहित इसके आसपास के इलाके में पेट्रोलिंग कर रही है। इस दौरान ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है कि वे अपने घर के बच्चों को घर पर ही रखें और समय बेसमय जंगल की ओर न जाएं। साथ ही अपने मवेशियों को घर पर ही पाले बजाए खुला छोड़कर। लेकिन फिलहाल अभी तो इन क्षेत्रों के ग्रामीणों की चैन की नींद उड़ी पड़ी है और उन्हें हर रोज यही खतरा लगा रहता है कि कहीं तेंदुआ उन पर या उनके परिवार कि किसी व्यक्ति पर हमला न कर दे।
जिम्मेदारों ने दिया कुछ इस तरह तर्क
वन विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि पूरी कोशिश की जा रही है कि तेंदुआ पिंजरे में फंस जाए और ग्रामीणों को राहत मिले लेकिन जो तेंदुओं का मूवमेंट नजर आ रहा है वो जंगली इलाकों में आ रहा है जो कि बड़े इलाके में फैला हुआ है। और ये जंगल मझौली, डुंगरिया से आपस में कनेक्टेड है। ऐसे में वन विभाग के जिम्मेदारों का तर्क है कि तेंदुआ अगर किसी के घर पर या मोहल्ले में अपना ठिकाना बना लिया है तो फिर उसका रेस्क्यू आसानी से किया जा सकता है लेकिन तेंदुआ जंगली इलाके में विचरण कर रहा है। ऐसे में उसको पकड़ना मुश्किल वाला काम है।
