बेमौसम बारिश का कहर: धान की फसल नष्ट होने से किसान चिंतित

सीधी: अक्टूबर के आखिर दिनों में हुई इस लगातार बारिश से धान की फसलों को होने वाले नुकसान की संभावना से किसानों की चिंता बढ़ गई है। जिले में दो दिनों से बदले मौसम के बाद आज देर शाम हुई बारिश से खेतों में खड़ी धान की फसलों के नष्ट होने की बड़ी संभावना जताई जा रही है।बेमौसम बारिश से किसानों की धडक़ने बढ़ गई हैं। दरअसल खरीफ सीजन में रुक-रुक कर समयानुसार बारिश होने के कारण धान की फसल काफी बेहतर हालत में थी।

किसानों में इस बात को लेकर काफी प्रसन्नता थी कि धान की पैदावार काफी अच्छी मिलेगी। सब कुछ ठीक-ठाक था। कुछ स्थानों धान के फसल की कटाई भी शुरू हो गई थी। अंतिम समय में दो दिनों से मौसम का मिजाज अचानक बदला और आकाश में घने बादल छा गये। जिसके बाद से ही बेमौसम बारिश होने की संभावना बन गई थी। रविवार की शाम को भी कुछ समय के लिये बारिश का दौर चला।

आज सुबह से आकाश में घने बादल छाये हुये थे जिसके कारण सूर्य देव की किरणें नहीं निकल सकीं। शाम करीब 4:30 बजे से अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश का दौर करीब आधे घंटे तक चलने के कारण कई स्थानों में धान की फसलों के खेतो में ही गिरने की खबरे हैं। कुछ किसानों की कटी हुई धान भी खेतो में रखी हुई हैं।
उधर मौसम विभाग द्वारा अभी दो दिनों तक और बारिश होने की संभावना जताई गई है, जिसके बाद से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। चर्चा के दौरान कुछ किसानों का कहना था कि बेमौसम बारिश हो जाने के चलते धान की फसल को अभी कुछ क्षति होने की संभावना है। यदि आगे मौसम नहीं खुलता और बारिश होती है तो फसलों को ज्यादा क्षति पहुंचेगी।
बारिश का दौर जारी रहा तो ज्यादा नुकसान की संभावना
जिले में बेमौसम बारिश का दौर आगे भी जारी रहा तो धान की फसल को सर्वाधिक नुकसान होगा। मौसम विभाग द्वारा 29 अक्टूबर 2025 तक बारिश की संभावना जताई गई है इस वजह से किसान काफी मायूसी में हैं। जिले के काफी किसान धान के फसलों की कटाई कराने में जुटे हुये थे। कुछ धान की कटी फसलें खलिहान में पहुंच गई थी। वहीं काफी कटी फसलें खेतों में पड़ी हुइ हैं। बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान धान की कटी फसलों को ही होना माना जा रहा है। कटी फसलों के गीली हो जाने के कारण उनको मौसम खुलने पर सूखाना जरूरी है, इसके बाद ही गहाई का कार्य होगा। यदि बारिश आगे भी हुई तो कटी हुई धान की फसलों में फफूंद लग जायेगा, जिसके चलते वह खराब हो जायेंगी।
इनका कहना है
जिले में दो दिनों तक कुछ समय के लिये ही बारिश हुई है। ऐसे में धान की फसल को क्षति पहुंचने की संभावना नहीं है। यह अवश्य है कि जो धान की फसलें कटी हुई हैं और आगे मौसम नहीं खुलता, बारिश जारी रही तो ऐसी कटी फसलों को क्षति पहुंच सकती है। इनमें फफूंद लगने की संभावना बढ़ जायेगी। किसानों को पकी हुई धान के फसलों की कटाई मौसम साफ होने तक नहीं करना चाहिये। मौसम विभाग द्वारा अभी दो दिन और बारिश की संभावना जतायी गयी है। यदि आगे बारिश नहीं हुई तो फसलों को नुकसान नहीं होगा।
राजेश सिंह, उपसंचालक कृषि विभाग, सीधी

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