जबलपुर: सडक़ों में घूमने वाले आवारा जानवरों के मामले में पेश की गई रिपोर्ट पर कोर्ट ने असंतुष्टि जाहिर की है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने मामले में नगर निगम की कार्रवाई को कटघरे में रखते हुए पूछा है कि सरकार द्वारा बनाये गये नियमों का पालन प्रदेश के नगर निगमों द्वारा किस तरह किया जा रहा है। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को निर्धारित की है।
उल्लेखनीय है कि यह जनहित का मामला जबलपुर गोकलपुर निवासी बृजेन्द्र लक्ष्मी यादव सहित अन्य की ओर से दायर किया गया था। जिसमें न्यायालय ने पूर्व में जानना चाहा था कि प्रदेश के भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन सहित अन्य जिला मुख्यालयों की सडक़ों पर घूमने वाले आवारा जानवरों को लेकर क्या नीति है। यदि मवेशियों को जानबूझकर खुला छोड़ा जाता है तो क्या उसके मालिक पर जुर्माना लगाया जायेगा। मामले में आगे हुई सुनवाई दौरान सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर असंतुष्टि जाहिर कर न्यायालय ने ठोस जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को निर्धारित की है।
